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कासगंज। गंगा में उफान जारी है। बृहस्पतिवार की रात से नदी का पानी तटवर्ती गांवों और खेत खलिहानों में तेजी से भर गया। बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों की आंखों में ही रात कट गई। लोग अपने परिजन और सामान आदि की सुरक्षा के लिए चौकन्ने नजर आए। पशुओं को बचाने के लिए रातभर जुगत चलती रही। भोर में चारों और पानी ही पानी देखकर लोग हतप्रभ रह गए। 40 गांव तक बाढ़ की आपदा पहुंचने का अनुमान है। पटियाली क्षेत्र के बाढ़ के लिए संवेदनशील इलाकों में आज शनिवार को बाढ़ का प्रकोप पहुंचने के आसार बने हुए हैं।
बाढ़ के प्रकोप के कारण कई मार्ग ऐसे थे जिनके ऊपर पानी बह रहा था। नगरिया से सहवाजपुर की ओर जाने वाले मार्ग पर अजीतनगर के बाद बाढ़ का पानी सडक़ के उत्तरी किनारे से दक्षिणी किनारे की ओर तेजी से बह रहा था। जिससे दक्षिणी किनारे के गांव में भी बाढ़ की दस्तक पहुंच गई। खेतों में होता हुआ यह पानी आबादी में पहुंच गया। कछला से कासगंज की सीमा से सटे बदायूं जनपद के गांव लक्ष्मीनगला, पंखिया नगला में हालात काफी विकराल थे। गंगा का पानी कासगंज-बरेली मार्ग के दक्षिण की ओर तेजी से बह रहा था।
पंखिया नगला की सड़क भी बाढ़ के पानी से कट गई। यहां तेजी से बाढ़ का पानी चल रहा था। पानी का प्रवाह तेज होने के कारण यहां लोग आने जाने के लिए ट्रैक्टर, बुग्गी और नाव का सहारा ले रहे थे। यही हाल सहवाजपुर मार्ग के बमनपुरा गांव पर बना हुआ था। यहां गांव के रास्ते पर और ताल में कई फुट पानी भर जाने के कारण आवागमन ठप हो गया। ऐसी स्थिति में प्रशासन के द्वारा नाव डलवाई गई तब गांव के लोगों का आवागमन शुरू हो सका।
बमनपुरा गांव के घरों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग जैसे तैसे अपना सामान लेकर अन्य ग्रामीणों के पक्के मकानों और सरकारी भवनों में रहने को विवश हो गए हैं। अजीतनगर, उलाईखेड़ा की आबादी में पानी भरा हुआ है। गांव की गलियों और मार्गों पर पानी है। बाढ़ का सर्वाधिक प्रकोप सोरोंजी क्षेत्र के गांव में देखने को मिला। यहां दतलाना, बघेला, पाठकपुर, डिंगलेशनगर के मार्ग पर बाढ़ का पानी था। वहीं लहरा-नगरिया मार्ग पर भी बाढ़ का पानी उत्तरी किनारे से दक्षिणी किनारे की ओर बहने लगा था। बघेला, दतलाना, डिंगलेशनगर, लहरा, तारापुर नसीर, गुलाबगढ़ी इलाकों में भी बाढ़ का पानी आबादी में काफी पहुंच गया था। तमाम स्थानों में लोगों ने मिट्टी भरी बोरियां लगाकर घरों में पानी घुसने से रोका, लेकिन लोगों को ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी। लहरा की आबादी में चारों ओर पानी ही पानी था। यहां लहरा मार्ग पर पश्चिम से पूरब की ओर बाढ़ का पानी सडक़ पर होते हुए गिर रहा था। जिससे खेतों में कहीं 4 फुट तो कहीं 5 फुट तक पानी भरा हुआ था।
लहरा में लहरे मंदिर तक बाढ़ का पानी था वहीं उसके आगे आश्रमों और बगीचियों की ओर पानी भर रहा था। पिछले कई वर्षों में ऐसी बाढ़ के हालात नहीं हुए। केवल वर्ष 2010 और 2013 में ही ऐसे हालात बने थे। कुष्ठ आश्रम के चौराहे पर भी बाढ़ का पानी सडक़ से होते हुए पाठकपुर की ओर जा रहा था। पूरे दिन बाढ़ के पानी का प्रकोप इसी तरह बना रहा। ग्रामीण जलस्तर में वृद्धि को लेकर काफी भयभीत और बेचैन थे। पूरा दिन लोगों का बाढ़ से बचाव करने में निकल गया। गऊपुरा के देवेंद्र ने बताया कि खेतों में बाढ़ का पानी भरा होने से पशुओं के लिए चारे का संकट होने लगा है। स्थिति काफी खराब है। वहीं दतलाना के हरिओम, रामौतार ने बताया कि गांव में बाढ़ का पानी भर गया है। बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। लहरा के कुनाल, देवेश, संजीव कुमार ने बताया कि पानी काफी बढ़ गया है। बृहस्पतिवार रात से लगातार पानी बढ़ा हुआ चल रहा है। सब खेत खलियान पानी से भरे हुए हैं। कोई ऐसी जगह नहीं बची है जहां बाढ़ का पानी न हो।
इन गांव में भी भर रहा है बाढ़ का पानी
कासगंज। सोरोंजी क्षेत्र के अभयपुर, रामपुर, महमूदपुर पुख्ता, घूरनपुर, परमोरा पुख्ता, कादरवाड़ी, उढ़ेर सहित अन्य गांव तक बाढ़ का प्रकोप बनने के आसार हैं। इन गांव के खेतों में पानी भर चुका है। वहीं सहावर के मुजफ्फरनगर, न्यौली, हसनपुर, चंदवा, मनिकापुर, कैली बढ़ापुर, बिकरो, बाजनगर सहित आस पास के इलाकों के खेतों खलियानों में बाढ़ का पानी है। वहीं आबादी की ओर बाढ़ का पानी भरने के आसार बने हुए हैं। वहीं पटियाली क्षेत्र के गांव काली गढिय़ा, कादरगंजपुख्ता, नरदौली पुख्ता, नगला खिमाई, कादरगंजखाम, रिकहरा, गठैरा, सहवापुरखाम, मूंजखेड़ा, कैथोला, पनसोती, बरीबगवास सहित तमाम गांव तक बाढ़ के पानी की दस्तक हो गई है। इलाकों में आज और बाढ़ का प्रकोप बढऩे के आसार हैं।
बैराजों से पानी का डिस्चार्ज
हरिद्वार- 124027 क्यूसेक।
बिजनौर- 141351 क्यूसेक।
नरौरा- 317158 क्यूसेक।
कछला ब्रिज गेज- 164 मीटर के निशान पर।
– गंगा के जलस्तर में हाईफ्लड लेवल का प्रवाह नरौरा से बृहस्पतिवार से चल रहा है। शुक्रवार को पूरे दिन ऐसी ही स्थिति रही। शनिवार को नरौरा के डिस्चार्ज में कमी आ सकती है। – अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई
बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगाए स्वास्थ्य शिविर
कासगंज। बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। तारापुर नसीर, महमूदपुर पुख्ता, लहरा सहित अन्य इलाकों में ग्रामीणों की जांच के बाद दवा वितरित की गईं। बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को त्वचा रोगों और बुखार आदि से संबंधित दवाएं दी गईं। चिकित्सकों ने ग्रामीणों को साफ पानी पीने की सलाह दी है। तहसीलदार अजय कुमार यादव ने बताया कि स्वास्थ्य शिविर आयोजित करके लोगों का परीक्षण करके दवा वितरित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पशुओं का टीकाकरण भी पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
डीएम ने कादरबाड़ी, बनुपुर घटियारी तथा गुलाब गढ़ी गांवों का जाना हाल
कासगंज। डीएम हर्षिता माथुर और पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित ने गंगा किनारे के गांव कादरबाड़ी, बनुपुर घटियारी तथा गुलाब गढ़ी पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव रोकने के लिए समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। बाढ़ चौकियां पूर्ण रूप से सक्रिय रहें।
जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष संचालित
डीएम के निर्देश पर सिंचाई खंड के पीएलजीसी काॅलोनी स्थित कार्यालय में जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष संचालित है। जिसका दूरभाष नंबर 8868016669 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अधिकारी संजय शर्मा सहायक अभियंता प्रथम सिंचाई मोबाइल फोन नंबर 9412720923 तथा सहायक प्रभारी अधिकारी नरेंद्र सिंह अवर अभियंता उपखंड सिंचाई मोबाइल फोन नंबर 6396979107 है। अधिशाषी अभियंता सिंचाई अरुण कुमार ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष में सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक तथा रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक तीनों शिफ्टों में अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटियां लगी हुई हैं।
9454417805 नंबर पर दें बाढ़ सूचना
कासगंज। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देशानुसार तहसील में बाढ़ नियंत्रण कक्ष संचालित किया गया है। उपजिलाधिकारी कासगंज पंकज कुमार ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष तहसीलदार मोबाइल नंबर 9454417805 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की प्रभारी नायब तहसीलदार गरिमा सिंह मोबाइल नंबर 7906141695 हैं। बाढ़ संबंधी कोई भी परेशानी हो तो तत्काल सूचना इन नंबरों पर दी जा सकती है।
कछला के दक्षिणी तट पर आरती घाट और सड़क तक पहुंचा बाढ़ का पानी
कासगंज। गंगा घाटों पर उफन रही गंगा की धारा में स्नान करना खतरे से खाली नहीं है। कछला गंगाघाट के दक्षिणी तट के आरती घाट पर गंगा का पानी आ गया है। वहीं घाट की सडक़ तक गंगा की लहरें हिलोरें मार रही हैं। यही हाल लहरा में गंगाघाट का बना हुआ है।जहां गंगाघाट के इलाके से बाजार तक सड़कों में पानी है। ऐसे में कुष्ठ आश्रम के पास खेतों में भरे पानी में ही कांवड़िये स्नान करके कांवड़ भरकर ले जाते नजर आए। वही श्रद्धालु लहरेश्वर मंदिर के आगे घाट पर गंगास्नान करके कांवड़ भरकर ले जाते नजर आए।
उजड़ गया कांवड़ बाजार
लहरेश्वर मंदिर के आगे लगा कांवड़ बाजार अब उजड़ चुका है। दुकानदारों ने सुरक्षित स्थानों पर तखत डालकर अस्थायी दुकान लगाई है। पानी लगातार बढऩे से दुकानदारों को बार बार स्थान बदलना पड़ रहा है। लहरा कुष्ठ आश्रम के चौराहे पर लोगों ने अपनी दुकानें लगा ली हैं। शुक्रवार का दिन होने के कारण कांवड़िये अधिक संख्या में पहुंचे।
मुनादी कर दी बाढ़ के पानी न जाने की हिदायत
कासगंज। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। सोरोंजी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन की टीमों ने लाउडस्पीकर से बाढ़ के पानी में न जाने की हिदायत दी है। ग्रामीणों को आगाह किया कि बच्चों पर नजर रखें जिससे वे बाढ़ के पानी में न जाएं। पशुओं को सुरक्षित स्थान पर बांधने की सलाह भी दी गई है। बाढ़ से होने वाली परेशानी की जानकारी बाढ़ चौकी पर दी जा सकती है। तारापुर नसीर, दतलाना, महमूदपुर पुख्ता सहित अन्य इलाकों में इस तरह की मुनादी करते हुए प्रशासन ने ग्रामीणों ने यह भी अलर्ट दिया कि अभी बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है। बताया गया कि बाढ़ कंट्रोल रूम सक्रिय हैं। ग्रामीणों को बाढ़ कंट्रोल रूम के नंबर भी बताए गए।
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