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कासगंज। ग्राम राजेपुर कुर्रा में खसरे से दो बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी। गांव में कई दिन से बच्चों के खसरे की चपेट में आने के बाद भी विभाग के अधिकारियों को भनक नहीं लग पाई। बच्चों की मौत से जहां ग्रामीण शोकाकुल हैं वहीं विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी भी है।स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती कर रखी है। इसके अलावा बुधवार एवं शुक्रवार को बच्चों के टीकाकरण के लिए एएनएम भी तैनात रहती है। ग्राम राजेपुर कुर्रा में कई दिन से खसरा फैला हुआ था। जदनेश की पुत्री अमनीती को कई दिन से बुखार के साथ खसरा की शिकायत हो गई। बृहस्पतिवार को उसकी मौत हो गई। इसी तरह शुक्रवार को मीलाल का पुत्र निर्देश भी मौत के आगोश में समा गया।
दो दिन में दो बच्चों की मौत एवं कई बच्चों के बीमार हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी नहीं हो पाई।
शनिवार को जब स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक लगी उसके बाद विभाग हरकत में आया। गंजडुंडवारा स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकों की टीम को भेजा गया। यह टीम भी दोपहर के बाद गांव पहुंच सकी। इसके बाद बच्चों का सर्वे कराकर इलाज शुरू किया गया।
आज भी होगा घर घर सर्वे
कासगंज। गांव में बड़ी संख्या में बच्चों के खसरा संक्रमित निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम रविवार को भी गांव में जाएगी। टीम के द्वारा घर घर सर्वे किया जाएगा। जिससे यदि गांव में कोई अन्य बच्चा संक्रमित निकलता है तो उसका भी इलाज किया जा सके।
बच्चों के रक्त के लिए जाएंगे सैंपल
कासगंज। यदि किसी क्षेत्र में पांच से अधिक बच्चे खसरा से पीड़ित निकलते हैं तो ऐसे क्षेत्र को क्लस्टर घोषित कर दिया जाता है। ऐसे क्षेत्र में बच्चों के रक्त के नमूने जांच को लिए जाते हैं। इसके बाद नमूने प्रयोगशाला भेजे जाते हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। जिससे बच्चों के लिए टीकाकरण का विशेष सत्र लगाया जा सके।
गांव में आठ दिन से खसरा फैला हुआ है। कई बच्चों का बाहर इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम शनिवार को जांच के लिए आई। इससे पहले गांव में कोई टीम नहीं आई- दिनेश सिंह, ग्राम प्रधान
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