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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Thu, 14 Dec 2023 12:03 AM IST
कासगंज। सूर्य के राशि परिवर्तन करने से धनु खरमास लगने से एक माह तक विवाह व अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इसके चलते 16 दिसंबर से एक बार फिर से बैंड बाजा बरात का शोर थम जाएगा। इसके बाद अगले एक माह तक शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देगी। खरमास लगने का असर कारोबारी गतिविधियों पर पड़ेगा। जिससे कारोबारी चिंतित नजर आ रहे हैं।पांच माह के बाद देवोत्थान एकादशी से शुरू हुए सहालग के सीजन पर अब खरमास का ग्रहण लगने जा रहा है। 16 दिसंबर को शाम 3:58 बजे सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ ही खरमास का शुरू हो जाएगा। 15 जनवरी 2024 को दोपहर 02.43 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में विराजमान होंगे। इस दिन मकर संक्रांति के साथ ही खरमास की समाप्ति होगी। सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य के लिए शुभ समय होना आवश्यक माना जाता है। इसे लेकर ज्योतिष शास्त्र से जुडे लोग, शुक्र अस्त, बृहस्पति अस्त के साथ ही सूर्य की चाल पर भी ध्यान रखते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका बल कमजोर हो जाता है। इसी वजह से खरमास में कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। एक माह तक शुभ कार्यों पर रोक लगने से कारोबारी गतिविधियों पर भी इसका असर रहेगा। शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, नए कारोबार का शुभारंभ जैसे कार्य खरमास में नहीं होंगे। इस अवधि में दान, जप तप, जात कर्म, अन्नप्राशन, गुरु, गाय, साधु संतों की सेवा करना जैसे कार्यों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
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