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आगरा विकास प्राधिकरण
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में ग्रेटर आगरा का ख्वाब धरातल पर उतारने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का खजाना खाली है। इनर रिंग रोड किनारे 612 हेक्टेयर भूमि के बदले 520 करोड़ रुपये मुआवजा बंटना है। 520 करोड़ रुपये बंटे तो ग्रेटर आगरा, मेडिसिटी सहित तमाम प्रोजेक्ट के लिए जमीन मिले।
मंडलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को एडीए बोर्ड की बैठक होगी। जिसमें ग्र्रेटर आगरा, नए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एडीए के बजट पर मुहर लगेगी। आगरा चौपाटी, जोनल पार्क भी एजेंडे में शामिल है। हालांकि यह बत दीगर है कि 100 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड किनारे एत्मादपुर मदरा, रहनकला, बुढ़ाना और रायपुर में भू अधिग्रहण के लिए एडीए के पास फंड नहीं। पिछली बोर्ड बैठक में महाराष्ट्र बैंक से 300 करोड़ रुपये ऋण लेने का निर्णय हुआ था। ऋण को लेकर कवायद आगे नहीं बढ़ी।
संजोया जा रहा कर्ज से ग्रेटर आगरा बसाने का ख्वाब
ग्रेटर आगरा के लिए शासन से 350 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। बाकी करीब 350 करोड़ एडीए को जुटाने होंगे। एडीए कहां से धन जुटाएगा यह भी स्पष्ट नहीं है। एडीए ने जो प्रोजेक्ट बेचे हैं, उनकी भी करोड़ों रुपये की धनराशि आवंटियों पर बकाया है। ऐसे में एक तरफ एडीए की हालत खस्ता है, दूसरी तरफ कर्ज से ग्रेटर आगरा बसाने का ख्वाब संजोया जा रहा है।
ग्रीन बेल्ट में हो रहा निर्माण
फतेहाबाद रोड स्थित बुढ़ाना चौराहा से करीब 7 किमी. तक इनर रिंग रोड के दोनों तरफ एडीए ने 100 फुट का ग्रीन बेल्ट घोषित किया है। जहां सिर्फ हरियाली विकसित होगी। परंतु एडीए इंजीनियर्स की लापरवाही से यहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण बन रहे हैं। 100 फुट की ग्रीन बेल्ट में अनियंत्रित विकास का खेल चल रहा है।
समिति करेगी निर्णय
इनर रिंग रोड लैंड पार्सल के लिए जो 520 करोड़ रुपये का मुआवजा बंटना है उसका निर्णय समिति करेगी। महाराष्ट्र बैंक से ऋण अभी नहीं लिया है। शासन से 350 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण की जांच कराएंगे। – चर्चित गौड़, उपाध्यक्ष, आगरा विकास प्राधिकरण
थीम पार्क में भूखंड आवंटन की मांग
आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन सचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने बुधवार को अपर मुख्य सचिव उद्योग अमित मोहन प्रसाद के समक्ष थीम पार्क योजना में विकसित औद्योगिक भूखंडों की आवंटन प्रक्रिया शुरू कराने की मांग रखी। उन्होंने कहा आगरा में गारमेंट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है। यूपीसीडा के पास थीम पार्क में एक हजार एकड़ भूमि है। जो 2014 में अधिग्रहित की गई थी। परंतु भूमि पर भूखंड आवंटित नहीं हुए।
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