[ad_1]
कासगंज। चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों को जमानत बचाने के लिए कुल मतों के छठे हिस्से की जरूरत होगी। मानक के मुताबिक यह वोट न मिलने पर जमानत जब्त हो जाएगी। 2017 के चुनाव में 19 प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा सके थे। 114 की जमानत जब्त हो गई थी। इनमें भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस और आप के प्रत्याशी भी शामिल थे।
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी से आयोग निर्धारित धनराशि जमानत के तौर पर जमा कराता है। प्रत्याशी के निर्धारित मानक से कम वोट पाने पर आयोग जमानत राशि को जब्त कर लेता है। निकाय चुनाव में जिले के 10 निकायों में अध्यक्ष पद के लिए 101 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। सबसे अधिक 12 प्रत्याशी बिलराम नगर पंचायत से चुनाव मैदान में हैं। वहीं नगर पालिका कासगंज, नगर पालिका सोरोंजी, नगर पंचायत भरगैन, नगर पंचायत पटियाली से 11-11 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
नगर पालिका गंजडुंडवारा,नगर पंचायत सिढ़पुरा, नगर पंचायत सहावर, नगर पंचायत अमांपुर से 10-10 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे कम 5 प्रत्याशी मोहनपुर नगर पंचायत से हैं। इन निकायों में सदस्य पद के लिए 154 वार्डों में 600 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। 4 सभासद निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैंं। सभी प्रत्याशी चुनाव मैदान में एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इनकी किस्मत की चाबी 243502 मतदाताओं के हाथ में है। 11 मई को मतदान के बाद 13 मई को परिणाम घोषित होने पर ही पता चलेगा कि कौन विजेता होगा और किसकी जमानत बचेगी।
चुनाव में प्रत्याशी के लिए निर्धारित मानक के हिसाब से वोट लाना आवश्यक होता है। प्रत्याशी कुल वैध मतों का 1/6 वोट नहीं पाता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है।- श्रवण कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी
[ad_2]
Source link