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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sat, 22 Apr 2023 12:51 AM IST
पटियाली(कासगंज)। सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्र के राजेपुर कुर्रा गांव वालों की शुक्रवार की सुबह दर्दनाक रही, क्योंकि गांव वालों के साथ मृत किसानों के परिजन इस तरह की घटना और मौत के बारे में सोचे भी नहीं थे। घटनास्थल के भयावह मंजर ने परिजनों और ग्रामीणों को दहला दिया। मृतकों की पत्नी, बच्चे और परिजन के साथ शवों को देख गांव के लोग भी चीत्कार उठे थे। नम आंखों से ग्रामीण गमगीन परिवार के सदस्यों को बार बार ढांढस बंधाने का प्रयास करते दिखे। इस मामले की जानकारी परिजनों उस समय मिली जब सुबह करीब 5 बजे ग्रामीण संतोष कुमार ने झोपड़ी में तेज लपट के साथ आग जलती देखी। हवा चलने के कारण आग की लपटे तेज थीं। ग्रामीण संतोष को मालूम था कि यह झोपड़ी अरविंद की है। इसलिए वह दौड़कर अरविंद के घर पहुंचा, लेकिन उसने घर पर अरविंद के बारे में पूछते हुए झोपड़ी में आग लगने की जानकारी दी। इस पर परिजनों ने बताया कि वह तो झोपड़ी पर होंगे। संतोष की सूचना पर परिवार के लोग दौड़ते हुए घटनास्थल पर पहुंचे वहां पर दो शव बुरी तरह से जले व विकृत अवस्था में दिखाई दिए। यह मंजर देखकर परिजन और गांव के लोग अवाक रह गए। इसके बाद दूसरे मृतक इंस्पेक्टर के बारे में जानकारी मिली। इंस्पेक्टर के परिवार के लोग भी मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल के भयानक मंजर ने हर किसी को झकझोंर दिया। ग्रामीण संतोष ने पुलिस को पूरी जानकारी दी। बताया गया कि अरविंद और इंस्पेक्टर के खेत पास पास हैं और दोनों ही खेतों की रखवाली के लिए रात को खेत पर पहुंचते थे और नींद आने पर झोपड़ी में सो जाते थे।
कासगंज। राजेपुर कुर्रा गांव में बिजली गिरने से जलकर मौत का शिकार हुए दोनों किसानों के पांच बच्चे हैं। जिनके सिर से पिता का साया उठ गया। यह सभी बच्चे छोटी उम्र के हैं। किसान अरविंद कुमार के तीन बच्चे है। उनकी सबसे बड़ी पुत्री शिवांशी 12 साल की है। जबकि उनके दो पुत्र लोकेंद्र 10 वर्ष एवं लोकेश 7 वर्ष का है। वहीं दूसरे मृतक किसान इंस्पेक्टर के दो बच्चे हैं। जिसमें बेटी शिवानी 10 वर्ष की है और पुत्र कुलदीप 8 वर्ष का है।कासगंज। घटनास्थल पर हादसे के बाद जबरदस्त चीत्कार का आलम था। किसानों की पत्नियां, परिजन और बच्चे बिलख बिलख कर रो रहे थे। अरविंद की पत्नी खुशी और इंस्पेक्टर की पत्नी क्षमा देवी हादसे से इतनी आहत थी कि वह हादसा बर्दाश्त नहीं कर पा रहीं थीं। वह बार बार बेहोश हो रहीं थीं। ग्रामीण और परिवार के अन्य लोग दोनों के ऊपर पानी से छीटे लगाते तो कभी पानी पिलाने की कोशिश करते। परिजनों की ऐसी हालत देखकर ग्रामीण भी भावुक हो रहे थे।
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