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मैनपुरी।
बीते पांच दिनों से खराब मौसम किसानों के लिए मंगलवार को कहर बन गया। किशनी और करहल क्षेत्र में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। किसान जहां नुकसान को लेकर परेशान हैं। किसानों ने प्रशासन ने सर्वे कर नुकसान का आंकलन कराए जाने की मांग की है।
खेतों में गेहूं, आलू और सरसों की फसल तैयार खड़ी है। लेकिन ये फसलें घर तक पहुंच पाएंगी या नहीं ये किसानों को भी नहीं पता। दरअसल मौसम किसान और फसल के बीच रोड़ा बन रहा है। बीत पांच दिनों से जहां रिमझिम बारिश से फसलों को नुकसान हो रहा था तो वहीं मंगलवार को दोपहर बाद बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि भी हुई। किशनी और करहल क्षेत्र के गांवों में ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं की फसलें जहां गिर गई हैं तो वहीं सरसों की फसल खेत में ही झड़ गई। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं अन्य क्षेत्र में बारिश के कारण किसान परेशान नजर आए। कृषि विज्ञान में स्थापित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को 3.5 मिमी बारिश हुई। किसानों ने प्रशासन ने नुकसान का सर्वे कराते हुए मुआवजा दिलाने की मांग की है।
हालांकि अब तक प्रशासन ने सर्वे को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। इसके चलते किसान परेशान हैं, लेकिन उन्हें कोई हल नहीं मिल पा रहा है।
23 व 25 मार्च को बारिश की आशंका से सहमे किसान
एक ओर जहां मौसम कहर बरपा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ आगे भी राहत मिलने की उम्मीद कम है। मौसम वैज्ञानिक नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि पूर्वानुमान के अनुसार 23 मार्च और 25 मार्च को बारिश की आशंका अभी बनी हुई है। ऐसे में अभी फसलों में और नुकसान होगा।
किसानों की बात
किसान तो मौसम की मार हमेशा ही झेलता है। इस बार भी किसानों के साथ वही हो रहा है। खेतों में गेहूं की फसल तैयार है तो अब बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर रही है। – सुनहरी लाल, सीतापुर
मौसम के आगे किसका जोर चलता है। मौसम की मार से किसान बेहाल हो रहा है। अब सरकार को चाहिए कि पीड़ित किसानों की फसलों का सर्वे कर उन्हें मुआवजा दिलाया जाए। – हरीकिशन, नगला दौलत
अगर फसलों में नुकसान हुआ है तो उसका पहले नजरी सर्वे कराया जाएगा। वास्तविक नुकसान का आंकलन को क्रॉप कटिंग के दौरान ही हो सकेगा। किसानों की मदद के लिए जो भी संभव होगा किया जाएगा। – रामजी मिश्र, अपर जिलाधिकारी
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