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मैनपुरी। सरकारी एंबुलेंस से भले ही मरीजों को लाभ न मिले पर संचालन करने वाली संस्था के कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं। कंडम घोषित कर एंबुलेंस का सारा सामान धीरे-धीरे करके बेच दिया जाता है। ये सामान बेचकर कर्मचारी अपनी जेंबेें भर रहे हैं और सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन किसी को भी इसकी कानों कान भनक तक नहीं है। दुर्घटना के मरीजों के साथ ही महिलाओं और बच्चों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए निशुल्क एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 102 और 108 एंबुलेंस सेवा की कुल 51 गाड़ियों का संचालन हो रहा है। कई बार एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती है तो कई बार उपलब्ध ही नहीं हो पाती है। इससे मरीजों को परेशानी होती है।
लेकिन एंबुलेंस संचालन करने वाली संस्था के कर्मचारियों के काम ये एंबुलेंस खूब आ रही हैं। कभी फर्जी केस दिखाकर डीजल चोरी की जाती है तो कभी एंबुलेंस का सामान भी बेच दिया जाता है। दरअसल एंबुलेंस के कंडम होने की रिपोर्ट लगाने के बाद एंबुलेंस को खड़ा कर दिया जाता है। इसके बाद ही असली खेल शुरू होता है। एक-एक करके हेडलाइट, मीटर, खिड़कियां, वायरिंग और टायर सभी का सौदा होता है। इतना ही नहीं इंजन का सामान भी खोलकर बेच दिया जाता है। देखते ही देखते चलती फिरती एंबुलेंस केवल कबाड़ रह जाती है। सरकार को ये सामान बेचकर जिम्मेदार चूना लगा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है। जिला अस्पताल में खड़ी आधा दर्जन से अधिक कंडम एंबुलेंस इस पूरे खेल की गवाही देने के लिए पर्याप्त हैं।
सामान गायब होने के बाद लगा दी जाती है आग
पहले तो धीरे-धीरे करके कंडम हो चुकी एंबुलेंस से सामान निकाला जाता है। ये सामान बाजार में ऑटोपार्ट्स या फिर किसी कार मिस्त्री का यहां बेच दिया जाता है। जब लगता है कि अब कुछ भी एंबुलेंस में निकालने लायक नहीं बचा है तो उसमें आग लगा दी जाती है। आग लगने के बाद ये कहना मुश्किल हो जाता है कि आखिर एंबुलेंस में क्या सामान था और क्या नहीं।
दृश्य एक: जिला अस्पताल परिसर में आयुष अस्पताल के बाहर खड़ी 108 एंबुलेंस कंडम खड़ी है। इसके पहिए मीटर, बंपर समेत अन्य सामान गायब हो चुका है। जल्द ही बाकी सामान भी गायब कर दिया जाएगा।
दृश्य दो: जिला अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक से आगे खड़ी एंबुलेंस की खिड़कियां, टायर, मीटर व अन्य सामान गायब कर दिया। दरअसल ये पूरा सामान बेच दिया गया, लेकिन किसी ने चिंता नहीं की।
दृश्य तीन: अस्पताल परिसर में खड़ी दो अन्य एंबुलेंस का हाल भी ऐसा ही है। एंबुलेंस से टायर तो क्या रिम भी गायब है। खिड़कियां, इंजन का सामान सब खोल लिया गया। अब केवल कुछ कबाड़ ही शेष है।
कार्यदायी संस्था द्वारा ही एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। कंडम हो चुकी एंबुलेंस को नीलाम करने का नियम है। जल्द ही एंबुलेंस की नीलामी प्रक्रिया कराई जाएगी। सामान गायब होने की भी जानकारी की जाएगी।
-डॉ. पीपी सिंह, सीएमओ।
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