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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sun, 18 Jun 2023 12:27 AM IST
कासगंज। जिले में अभी भी 178 आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे। कारण केंद्रों को खोलने के लिए किराए का भवन नहीं मिल सका। जबकि शासन स्तर से एक साल पहले ही बाल विकास परियोजना विभाग को किराए पर भवन लेकर केंद्रों को संचालित किए जाने का आदेश जारी किया गया हैं। आंगनबाड़ी केंद्र न होने से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतेें होती हैं। उनको शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। वहीं बच्चों की प्री प्राइमरी शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है। जिले में 2445 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं। इनमें से 2267 आंगनबाड़ी केंद्र वर्तमान में संचालित हैं। इन आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल के रूप में विकसित किया जा चुका है ताकि इन केंद्रों पर 3 से 6 साल तक के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा दी जा सके।
शासन से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषाहार योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं को पोषाहार वितरित किया जाता है। लेकिन 178 केंद्रों ऐेसे हैं जिनके लिए विभाग के पास न तो भवन हैं और न हीं कोई ऐसा सरकारी भवन है जिसमें इन केंद्रों को संचालित किया जा सके। शासन ने ऐसे केंद्रों का संचालन शुरू करने के लिए एक साल पहले किराए के भवन लेने के निर्देश दिए, लेकिन विभाग किराए के भवन आज तक नहीं तलाश पाया। केंद्रों का संचालन शुरू न हो पाने से बच्चों व गर्भवती, धात्री महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलने में दिक्कत आती है। केंद्रों से जुडे बच्चे एवं गर्भवती धात्री महिलाओं को अन्य केंद्रों से जोड़ रखा है। जिससे इनको योजना का लाभ लेने के लिए दूर के केंद्रों पर जाना पड़ता है।वहीं प्री प्राइमरी में शिक्षा पाने वाले बच्चे भी परेशान होते हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन करने के लिए किराए के भवन तलाशे जा रहे है। जल्द ही किराए के भवन तलाश कर बंद केंद्रों का संचालन शुरू कराया जाएगा। राजीव यादव, प्रभारी डीपीओ
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