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आवेदन के भी जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा आवास
– झोपड़ी तो कोई दूसरे के मकान में लिए है आसरा
संवाद न्यूज एजेसीं
मैनपुरी। सिस्टम की शिथिलता से सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। आज भी कई आवासहीन परिवार मकान नहीं होने के कारण या तो दूसरों के मकान में शरण लिए हुए हैं अथवा झोपड़ी डालकर रह रहे हैं।
जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नौनेर के गांव बटरौली की रहने वाली राखीदेवी वाल्मीकि के पति की 15 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। मजूदरी करके वह अपना परिवार पालती हैं। भूमिहीन होने के साथ ही सरकारी आवास पाने के लिए कई बार आवेदन के बाद भी उनको आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। वह अपने जेठ के मकान के एक हिस्से में अपने परिवार के साथ रहती हैं।
बटरौली की ही रहने वाली सुनीतादेवी कश्यप के पति की भी 10 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वह भी भूमिहीन हैं। मजदूरी करके अपना परिवार पालती हैं। आवेदन के बाद भी सरकारी आवास नहीं मिल पाने के कारण वह गांव में ही झोपड़ी डालकर परिवार के साथ रहती हैं। दोनों महिलाओं को सरकारी आवास सुविधा का इंतजार है। राखीदेवी और सुनीतादेवी ने डीएम से सरकारी आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग की है।
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