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मैनपुरी। सब्जियों का राजा आलू किसानों को रंक बना रहा है। आलू के दाम गिरने से किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज का किराया और लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि अब भी कोल्ड स्टोरेज में 1.50 लाख मीट्रिक टन से अधिक आलू भंडारित है। अगर किसानों ने आलू की निकासी नहीं की तो कोल्ड स्टोरेज संचालकों को आलू फेंकना पड़ेगा।
जिले में बड़े पैमाने पर किसान आलू की खेती करते हैं। इस बार 22 हजार हेक्टेयर में सात लाख मीट्रिक टन से अधिक आलू का उत्पादन हुआ था। जिले के संचालित 54 कोल्ड स्टोरेज में किसानों ने 5.40 लाख मीट्रिक टन के करीब आलू भंडारित किया था। कीमतें गिरने से किसानों के सामने कोल्ड स्टोरेज का किराया और लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि अब भी कोल्ड स्टोरेज में 1.50 लाख मीट्रिक टन से अधिक आलू नहीं निकला है।
वर्तमान में हाईब्रिड आलू की कीमत 500 रुपये प्रति क्विंटल तो चिप्साना आलू की कीमत 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल है। इसमें से किसानों को आलू के भंडारण के लिए ही 250 रुपये प्रति क्विंटल का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। बाकी बची धनराशि में किराया, बारदाना समेत अन्य खर्च भी शामिल हैं। यही कारण है कि आलू में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है।
दूसरी तरफ कोल्ड स्टोरेज संचालकों की चिंता भी बढ़ गई है। 30 नवंबर तक नियमानुसार कोल्ड स्टोर का संचालन होता है। लेकिन आलू की बुवाई के दौरान 90 प्रतिशत तक आलू की निकासी हो जाती है। वर्तमान में आलू की निकासी का काम चल रहा है, लेकिन निकासी महज 70 प्रतिशत ही हो सकी है। कोल्ड स्टोरेज संचालकों के संपर्क के बाद भी किसान आलू की निकासी के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। अगर जल्द ही आलू की निकासी न हुई तो कीमतें और भी नीचे जा सकती हैं।
उद्यान विभाग ने की आलू निकासी की अपील
आलू की कीमतों को लेकर उद्यान विभाग को भी किसानों की चिंता सता रही है। बृहस्पतिवार को जिला उद्यान अधिकारी अनूप कुमार चतुर्वेदी ने किसानाें से आलू की निकासी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि एक साथ आलू बाजार में आने से कीमतें और गिर सकती हैँ। इसलिए कोल्ड स्टोरेज से किसान आलू की निकासी कर उसका जल्द विक्रय कर दें। साथ ही कोल्ड स्टोरेज संचालकों से भी आलू निकासी के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए कहा है।
आलू की कीमतें किराये भर को भी नहीं हैं। साफ आलू की कीमत 500 रुपये प्रति क्विंटल है। लेकिन गुल्ली व ओवरसाइज आलू जो बीज के लिए रखा जाता है उसकी कीमत 250 रुपये प्रति क्विंटल ही है। ऐसे में किसान आलू की निकासी करके क्या करे। – विवेक कुमार, जगतपुर
आलू की कीमतें बहुत कम हो गई हैं। सरकार को किसानाें को इस घाटे से उबारने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर आलू की खरीद कराई जानी चाहिए। जिले में जल्द से जल्द आलू खरीद केंद्र खोले जाने चाहिए। – अभिषेक कुमार, लालपुर
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