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मैनपुरी। निकाय चुनाव के लिए दावेदारों से राजनीतिक दल नए सिरे से आवेदन जमा कराएंगे। पूर्व में किए गए आवेदनों पर भी आरक्षण के हिसाब से विचार किया जाएगा। राजनीतिक दलों की निगाहें सरकार द्वारा निकाय चुनाव के लिए घोषित होने वाले आरक्षण पर टिकी हैं।ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद निकाय चुनाव में दावेदारों सहित राजनीतिक दलों को आरक्षण का इंतजार है। राजनीतिक दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेश सरकार द्वारा गठित ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार द्वारा निकायों के लिए आरक्षण घोषित करने पर दावेदारों की भी निगाहें लगी हुई हैं। जिस सीट पर आरक्षण में बदलाव होगा उस सीट पर राजनीतिक दल नए सिरे से आवेदन जमा कराएंगे। जिन पर पूर्व का ही आरक्षण रहेगा उन पर पूर्व में किए गए आवेदनों के अलावा नए आवेदन भी दावेदार जमा करेंगे। बताते चलें कि बीते कार्यकाल में भाजपा का अधिकांश निकायों पर कब्जा था। सपा का केवल कुसमरा नगर पंचायत पर कब्जा था। भोगांव नगर पंचायत पर निर्दलीय का कब्जा था। अब सपा और भाजपा के बीच अपना परचम लहराने की चुनौती होगी।
भाजपा हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है। बूथ स्तर तक भाजपा की तैयारी है। आरक्षण की स्थिति साफ होते ही आवेदन जमा कराए जाएंगे।
प्रदीप चौहान, जिलाध्यक्ष भाजपा
भाजपा की नीतियों से लोग परेशान हैं। बदलाव करने के लिए सपा का साथ देने का मन बना चुके हैं। आरक्षण घोषित होते ही दावेदार आवेदन करेंगे।
आलोक शाक्य, जिलाध्यक्ष सपा
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