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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sat, 01 Jul 2023 12:03 AM IST
कासगंज। शासन से कक्षा एक से बारह तक के बच्चों के प्रवेश के समय आधार कार्ड अनिवार्य किए जाने और यू डायस पर छात्रों का डाटा अपलोड किए जाने से स्कूलों की हेराफेरी की परतें खुलने लगी हैं। आधार लिंक होते ही 40 हजार से अधिक बच्चों की संख्या स्कूलों में कम हो गई।
शासन से एक से 12 वीं कक्षा तक पढ़ने वाले छात्रों का आधार कार्ड प्रवेश के समय अनिवार्य कर दिया है। इसी के साथ ही यू डायस पर भी बच्चों का डाटा अपलोड करने की व्यवस्था की गई है। जिले में कक्षा एक से 12 तक शिक्षा सत्र 2021-22 में 2412 विद्यालय संचालित हो रहे थे। जिसमें से 267 स्कूल माध्यमिक शिक्षा विभाग के माध्यम से संचालित हो रहे हैं। इनमें 229 विद्यालय वित्तविहीन हैं। जबकि 2145 स्कूल बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित हैं। इसमें से 846 स्कूल मान्यता प्राप्त हैं। स्कूल संचालक अभिलेखों में हेराफेरी कर विद्यालयों में छात्रों की फर्जी संख्या दिखाते चले आ रहे थे। ताकि उनके विद्यालय की मान्यता बरकरार रहे और आरटीई के तहत शासन से मिलने वाली सुविधा का भी वो लाभ लिया जा सके। पहले शासन से यू डायस पर मात्र यू डायस पर स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं आदि का ही डाटा लिया जाता था, जिससे स्कूल संचालक आसानी से हेराफेरी कर लेते थे, लेकिन सरकार ने स्कूलों के संचालकों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। अब शासन से यू डायस पर छात्र छात्राओं का पूरा विवरण अपलोड कराया जा रहा है।छह माह से यह प्रक्रिया चल रही है। इस समय शैक्षिक सत्र 2022-23 के छात्रों का डाटा अपलोड किया जा रहा है। जिससे स्कूलों की हकीकत सामने आने लगी है। एक साल में 40383 बच्चे स्कूलों मेें कम हो गए हैं।
2021-22 -380500
2022-23 -340117
यू डायस पर कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों का डाटा अपलोड करने का कार्य चल रहा है। पिछले साल के मुकाबले अब तक 40 हजार से अधिक बच्चों का डाटा पोर्टल पर कम अपलोड हुआ है।-राजीव यादव, बीएसए
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