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मैनपुरी।
जिले में संचालित गोशालाओं में अहिरवा गोशाला आदर्श बनेगी। दूध उत्पादन के माध्यम से गोशाला को आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार की पहल पर ये कार्य होगा। इससे एक तरफ जहां दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ गोशाला को संचालन करने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए अगले सप्ताह से काम शुरू हो जाएगा।
बेसहारा गोवंशों को संरक्षित करने के लिए जिले में डेढ़ दर्जन गोशालाएं संचालित हैं। विकास खंड सुल्तानगंज की ग्राम पंचायत अहिरवा में स्थापित वृहद गोशाला इन्हीं में से एक है। अब इस गोशाला को आदर्श बनाने के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने पहल की है। इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। अगले सप्ताह से इसके लिए काम शुरू हो जाएगा। योजना के तहत इस गोशाला को दूध उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए यहां केवल गायों का ही संरक्षण किया जाएगा। वर्तमान में गोशाला में चार सौ के करीब गोवंश संरक्षित हैं, जिसमें ढाई सौ गाय व अन्य सांड़ हैं। सांड़ों को दूसरी गोशाला में भेजकर वहां से गायें मंगाई जाएंगी। इनकी विशेष निगरानी कर इन्हें दूध उत्पादन के लिए तैयार किया जाएगा। प्रशासन की तैयारी है कि प्रतिदिन कम से एक हजार लीटर दूध का उत्पादन शुरुआती दौर में यहां से किया जाए।
इस योजना से एक तरफ जहां गोशाल में दूध का उत्पादन होगा तो वहीं गोशाला आत्मनिर्भर बनकर शासन के बोझ को कम करेगी। दूध का विक्रय कर गोशाला का संचालन किया जाएगा। इसके सफल संचालन के बाद अन्य गोशालाओं को भी इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
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कृत्रिम गर्भाधान से सुधारी जाएगी नस्ल
अहिरवा को आदर्श गोशाला के रूप में विकसित करने के साथ गोवंश के नस्ल सुधार पर ही काम होगा। इससे फायदा ये होगा कि बेहतर नस्ल की गायों से उत्पादन भी अधिक मिलेगा। इसके लिए गायों का कृत्रिम गर्भाधान कराया जाएगा। कृत्रिम गर्भाधान से ही धीरे-धीरे गायों की नस्ल में सुधार आएगा।
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गोबर गैस से बनती है बिजली
अहिरवा स्थित गोशाला में पहले से ही बेहतर इंतजाम किए गए हैं। यहां गोवर्धन योजना के तहत गोबर गैस प्लांट का निर्माण कराया गया है। इससे उत्पन्न होने वाली गोबर गैस से पांच किलोवाट के जेनरेटर का संचालन किया है। इसके माध्यम से गोशाला में चारा काटने की मशीन, सबमर्सिबल और प्रकाश व्यवस्था होती है। इससे गोशाला बिजली के लिए निगम के ऊपर निर्भर नहीं है।
अहिरवा गोशाला को आदर्श गोशाला के रूप में विकसित करने के साथ ही आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए दूध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। जल्द ही इसके लिए काम शुरू कर दिया जाएगा।
विनोद कुमार, मुख्य विकास अधिकारी।
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