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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sun, 21 May 2023 12:11 AM IST
कासगंज। जिला सत्र न्यायाधीश सै. माऊज बिन आसिम के न्यायालय ने दहेज उत्पीड़न से तंग आकर विवाहिता के आत्महत्या कर लेने के तीन दोषियों को सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 54 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर सजा में अतरिक्त कारावास का प्रावधान किया गया है। एटा के पिलुआ अरथरा निवासी धर्मपाल ने अपनी पुत्री शीतल की शादी धरवेंद्र निवासी ताखरू सोरोंजी के साथ की थी। 1 अक्तूबर 13 को विवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मायके पक्ष ने पति धरवेंद्र, सास मिथलेश देवर सोनू, चाचा ससुर पप्पू को आरोपित कर दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। इसमें नामजद लोगों पर विवाहिता को आत्म हत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में विवेचना कर पत्रावली कोर्ट में पेश की।
अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह यदुवंशी ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने धरवेंद्र, मिथलेश, सोनू को दहेज हत्या के आरोप से दोष मुक्त कर दिया। वहीं पप्पू का दहेज उत्पीड़न व हत्या के आरोप से दोष मुक्त कर दिया। कोर्ट ने धरवेंद्र, मिथलेश, सोनू को धारा 498 ए के तहत 2 साल की सजा व प्रत्येक पर 3 हजार का जुर्माना, धारा 306 के तहत सात साल की सजा व प्रत्येक पर 10 हजार का जुर्माना, दहेज अधिनियम की धारा 4 के तहत 8 माह की सजा व प्रत्येक पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। पप्पू को 50 हजार की स्वयं की तथा इतनी ही धनराशि की दो प्रतिभूतियां जमा करनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
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