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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Mon, 07 Aug 2023 12:12 AM IST
कासगंज। रामायण में अयोध्या कांड में एक श्रवण कुमार की कथा का वर्णन मिलता है, लेकिन कलयुग मेंं सावन के महीने में एक नही आठ श्रवण कुमार साक्षत देखने को मिले। सात पुत्र मैनपरी से एक साथ अपने माता पिता को कांवड़ में बिठाकर गंगा स्नान कराने के लिए लहरा गंगा घाट पहुंचे।
इस समय सावन का महीना चल रहा है। बड़ी संख्या में शिव भक्त भोले नाथ काे प्रसन्न करने के लिए कांवड़ में गंगा जल भरकर ले जा रहे है। इन शिव भक्तों के बीच नौ पुत्रों की मातृ पितृ भक्ति लोगों के बीच चर्चा में रही। इकहरा करहल मैनपुरी निवासी राधेश्याम (95) रामपूर्ती देवी (90) की सावन माह में गंगा में स्नान करने की इच्छा हुई। यह इच्छा उन्होंने अपने पुत्रों के समक्ष रखी। उनके पुत्र महेंद्र,गोविंद, गोपाल, आकाश, विकास,पंकज,अर्जुन,इशांत के समक्ष रखी। इन पुत्रों ने अपने माता पिता की इच्छा को पूरा करने का निर्णय लिया। इसके बाद वे अपने माता पिता को कांवड़ में बिठाकर लहरा गंगा घाट के लिए निकल पडे़। जब ये पुत्र कावंड़ में बिठाकर अपने माता पिता को लेकर जनपद से निकल रहे थे और लोगों की निगाह उन पर पड़ती तो वे सराहना किए बिना नहीं रहते। पुत्रों ने बताया कि उनके गांव से लहरा तक का रास्ता 170 किमी का है। दो दिन पहले वे निकले थे। माता पिता को स्नान कराने एवं मंदिरों के दर्शन कराने के बाद वापस लौटेंगे।
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