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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी हिंदी एवं भाषा विज्ञान विद्यापीठ (केएमआई) के एमए (फ्रेंच) विषय के शत प्रतिशत छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है। इस पाठ्यक्रम का यह पहला बैच है। इनमें अधिकतम सलाना वेतन 10 लाख रुपये मिला है।
विदेशी भाषा के प्रभारी डॉ. प्रदीप वर्मा ने बताया कि केएमआई में पहली बार फ्रेंच भाषा में दो साल का डिग्री कोर्स शुरू हुआ। इसमें 15 सीटें हैं और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी है, मौखिक परीक्षा बाकी है। परिणाम आने से पहले ही शत प्रतिशत छात्रों को संस्थान से ही नौकरी मिल गई है। इनमें सबसे अधिक सालाना पैकेज 10 लाख रुपये तक का है। इसके अलावा फ्रेंच, जर्मन और रशियन भाषा में भी एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और एडवांस डिप्लोमा कोर्स भी चल रहा है। इन कोर्सेज को करने से शुरूआती दौर में ही छात्र 25 से 30 हजार रुपये मासिक वेतन पा रहे हैं। इन कोर्स के जरिये होटल, निजी कंपनी, ऑनलाइन शॉपिंग समेत टूरिस्ट गाइड में नौकरी के बेहतर अवसर रहते हैं।
ये बोले छात्र
1 – ताजगंज के बृजेश रावत ने केएमआई से फ्रेंच भाषा में एमए किया है। अक्तूबर में ऑनलाइन शॉपिंग की नामी कंपनी में 10 लाख रुपये के पैकेज पर नौकरी लगी है। इन्होंने बताया कि अभी वे बंगलूरू में तैनात हैं और फ्रांसीसी लोगों को डील करते हैं।
2 – पुरानी मंडी ताजगंज निवासी मनीष शर्मा की मोबाइल-टैबलेट बनाने वाली नामी कंपनी में नौकरी लगी है। सालाना वेतन सात लाख रुपये है। इन्होंने बताया कि कंपनी में फ्रेंच प्रोग्रामिंग करते हैं। दो साल के विदेशी कोर्स सीखने पर छात्र भविष्य बना सकते हैं।
3 – अछनेरा के आदर्श कुमार ने बताया कि बीएससी कर ली थी, तीन-चार साल पहले मेरे एक परिचित ने विदेशी भाषा से पढ़ाई करने की बात कही। उन्होंने रशियन से पढ़ाई की थी और उस वक्त 60 हजार रुपये महीने का वेतन था। इस पर विश्वविद्यालय में कोर्स किया और नामी कंपनी में नौकरी लग गई।
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