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उत्तर प्रदेश के आगरा में चिकित्सकीय संस्थानों में सेवाओं की शुल्क सूची नहीं लगने से मरीजों से मनमानी वसूली हो रही है। बीते दिनों विधान परिषद की समिति की समीक्षा बैठक में भी यह शिकायत की गई थी। सीएमओ ने सूची अनिवार्य रूप से लगाने के लिए 20 जुलाई तक का मौका दिया है। 21 से कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग में 1269 चिकित्सकीय संस्थान पंजीकृत हैं। इनमें ओपीडी में डॉक्टर की फीस, बेड का चार्ज, ऑक्सीजन चार्ज, आईसीयू का शुल्क, नर्सिंग चार्ज, वेंटिलेटर का शुल्क, प्रसव, सिजेरियन, विभिन्न बीमारियों के ऑपरेशन समेत अन्य सेवाओं का शुल्क बोर्ड पर लगाना जरूरी है। इससे मरीजों को इलाज से पहले शुल्क की जानकारी हो जाए। बाद में अन्य चार्ज लगाकर मरीजों से ठगी न हो सके। अधिकांश जगह सूची नहीं लगी है।
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सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 20 जुलाई तक सभी चिकित्सकीय संस्थानों को सेवाओं का शुल्क सूची अस्पताल के बाहर और रिसेप्शन पर लगानी होगी। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी देनी होगी। 21 जुलाई को विवरण समिति और शासन को भेज दिया जाएगा। निरीक्षण में सूची नहीं मिलने पर कार्रवाई होगी। आईएमए अध्यक्ष डॉ. ओपी यादव ने बताया कि सभी चिकित्सकों को अपने संस्थान में सूची लगाने के लिए कह दिया है।
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