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Agra News: सिरप की फैक्टरी में जांच करती पुलिस व औषधि विभाग की टीम
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग और पुलिस ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में अवैध तरीके से दवा बनाने की फैक्टरी पकड़ी है। यहां खाद्य लाइसेंस के नाम पर भूख लगने और एलर्जी की सिरप बनाई जा रही थी। 132 बोतलें सील करते हुए इनके नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि नकली दवाएं और खाद्य सामान बनाने की सूचना पर सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र के नगला चुचाना स्थित देव हेल्थकेयर पर छापा मारा गया। इसके संचालक मनीष गुप्ता के पास खाद्य प्रोडक्ट के लाइसेंस पर दवाएं बनाने का लाइसेंस है। लेकिन ये साइपो-टीआर और साइप्रोडिन सिरप बना रहा था।
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यह भूख लगने और गंभीर एलर्जी की दवा है। यह सिरप गंदगी में बनाए जा रहे थे। कोई विशेषज्ञ नहीं थे और बिना मानकों के ही सिरप तैयार हो रहे थे। औषधि विभाग की टीम को साइपो-टीआर की 200 एमएल की 66 बोतल (130 रुपये प्रति बोतल है कीमत) और साइप्रोडिन की 72 बोतल (125 रुपये प्रति बोतल कीमत) मिली हैं। ये करीब 17 हजार रुपये के हैं, इनको सील कर दिया है।
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दोनों सिरप पर एडवाइजरी भी अलग-अलग लिखी हैं। एक में नॉट फॉर मेडिसिन और दूसरे पर डॉक्टर के परामर्श पर सिरप लेने का निर्देश लिखा है। इन दोनों सिरप के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेजे हैं। रिपोर्ट आने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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बच्चों की सेहत से खिलवाड़: डॉ. ओपी यादव
आईएमए अध्यक्ष और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी यादव ने बताया कि दवाओं का निर्माण के लिए पूरा सेटअप होता है और इसमें तत्वों के मिलान के लिए विशेषज्ञ होते हैं। ये सिरप भूख बढ़ाने और एलर्जी के मरीजों के लिए दिए जाते हैं। गंदगी और बिना मानकों के बन रहे ये सिरप बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ हैं।
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