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उन्होंने बताया कि दुकान में अंडर ग्राउंड फिटिंग कर रखी है। बल्ब नहीं लगा था। ऐसे में शॉर्ट सर्किट नहीं हो सकता है। अस्पताल का गेट खुला रहता है। इस कारण कोई भी अंदर आ सकता है। सुबह का समय था, इसलिए अस्पताल के कर्मचारियों ने भी ध्यान नहीं दिया होगा। आग किसी ने साजिश करके लगाई है।
गोपीचंद ने कहा कि बेटे की तरक्की से कुछ लोग जलने लगे थे। कई बार टोने-टोटके भी कर चुके थे। मगर, उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इस पर आग लगा दी गई। उन्होंने अपनी पीड़ा पुलिस के सामने रखी। उनका दर्द किसी को देखा नहीं जा रहा था।
पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत कर दिया। गोपीचंद को रिश्तेदार संभाल रहे थे। मगर, वो एक ही बात कह रहे थे कि उन्होंने किसी का क्या बिगाड़ा था, बेटे, नाती और नातिन की जान ले ली गई।
शिकायत पर कराएंगे जांच
एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि अगर, परिजन किसी तरह की साजिश करके आग लगाने का आरोप लगाते हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनको देखा जाएगा।
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