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यहां से बोदला के आटो में बैठ गया। इसके बाद सिकंदरा आया। बस से मथुरा पहुंचा। उसे वृंदावन अपने घर ले गया। इस दौरान मयंक के गले में पड़ा हाय, ओम और चांद वाला काला धागा हटा दिया। उसके गले में ताबीज डाल दिया। मयंक हुडी पहना हुआ था, जिसकी जगह उसे टी-शर्ट पहना दी, जिससे बच्चे की पहचान नहीं हो सके।
बच्चे को चुप करने के बाद रात भर अपने साथ ही रखा। बुधवार सुबह दस बजे अपने परिचित जसवंत के घर लेकर पहुंचा। उनसे कहा कि बहन का बेटा है। वह उसे रख लें। एक या दो दिन में बच्चे को ले जाएगा। इसके बाद वापस अपने मामा के घर चला आया। उधर, पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से आरोपी की पहचान कर ली थी। बृधवार रात को पुलिस ने आरोपी तक पहुंच गई। उससे पूछताछ हुई तो सारा सच उगल दिया।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग मिला सुराग
– एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मयंक के लापता होने की सूचना मंगलवार शाम को 8:45 बजे पुलिस को मिली थी।
– टीमों का गठन किया। तलाश शुरू हुई। पहले मोहल्ले के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे गए। संदिग्धों को उठाया गया।
– युवक बच्चे को अपनी गोद में लेकर जाता हुआ नजर आया। वह पृथ्वीनाथ फाटक से भोगीपुरा चौराहे की तरफ जा रहा था।
– पुलिस ने आरोपी के जाने वाले रूट पर लगे कैमरों के फुटेज चेक किए। इसमें आरोपी भोगीपुरा चौराहे से खेरिया मोड़ की तरफ ई रिक्शा में जाता नजर आया। खेरिया मोड़ से वापस भी आ जाता है।
– भोगीपुरा चौराहे से आटो से बोदला और सिकंदरा चौराहा पहुंचता है। मथुरा की बस में बच्चे को लेकर बैठ जाता है। पुलिस को दुकानों पर लग कैमरों और स्मार्ट सिटी के कैमरों से यह सुराग मिल जाता है।
– सोशल मीडिया पर आरोपी का फोटो डाला गया। इलाके में पुलिस फोटो लेकर घूम रही थी। इससे पुलिस को आरोपी के बारे में सुराग मिलने लगे।
– मौसिम को पहचान होने पर पकड़ लिया गया। उसने कुछ ही देर की पूछताछ में सब कुछ उगल दिया।
(पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक)
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