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आगरा विकास प्राधिकरण
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा में जिस आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) पर सुनियोजित विकास कराने की जिम्मेदारी है उसकी कार्यशैली देखिए। रजरई रोड पर 20 साल पहले कॉलोनियों के नक्शा पास किए। एडीए अफसर सोते रहे। बिल्डरों ने नाली, सड़क, बिजली जैसे बुनियादी विकास कार्य नहीं कराए। अब एडीए को इन आठ कॉलोनियों के नक्शा निरस्त करने की याद आई है।
शमसाबाद रोड स्थित रजरई में 62 से अधिक कॉलोनियां एडीए से स्वीकृत हैं। इनमें विकास कार्य नहीं हुए। सीवेज सड़कों पर बहने लगा। दुर्गंध से तंग आकर क्षेत्रीय निवासी देवांशु बसु ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में शिकायत दर्ज कराई। एनजीटी ने एडीए पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। अपनी खामियां छिपाने के लिए एडीए ने उल्टा नालंदा टाउन पर दो करोड़ का जुर्माना ठोक दिया। बाकी कॉलोनियों का सत्यापन कराया। 62 में 54 कॉलोनियों में बसावट मिली।
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जिन आठ कॉलोनियों में बसावट नहीं मिली उनमें प्लॉट खरीदार व हितधारकों से आपत्ति मांगी गई है। आपत्ति दर्ज नहीं कराने पर आठ कॉलोनियों का नक्शा निरस्त की कार्रवाई की जाएगी। जबकि इन कॉलोनियों में एडीए से नक्शा पास होने पर ही लोगों ने प्लॉट खरीदे थे। खरीदार फंस गए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा बिल्डर और एडीए की लापरवाही का खामियाजा उन्हें क्यों भुगतना पड़ रहा है।
पूर्व विधायक की कॉलोनी भी शामिल
जिन आठ कॉलोनियों में एडीए विकास कार्य कराने की वैधता खत्म होने का हवाला देकर निरस्तीकरण की तैयारी में जुटा है, उनमें एक पूर्व विधायक की कॉलोनी भी शामिल है। इन सभी कॉलोनियों के नक्शे 2002 से 2006 तक पास हुए थे। इनमें सुनील कुमार प्रेम कुमार सरवन की श्याम विहार, केके मिश्रा की मनीक्षीपुरम फेज-वन, धर्मेंद्र कुमार अग्रवाल का माधव विहार फेज-टू, राधा रमन की रमन कुंज, अनूप गुप्ता की सरोजनी नगर एक्सटेंशन, मधुसूदन शर्मा का श्याम धाम फेज-वन, डॉ. विवेक भटनागर का बृज एन्क्लेव और छकोड़ी का कृष्ण एन्क्लेव शामिल है।
बिल्डरों पर फोड़ा जा रहा ठीकरा
कॉलोनी का नक्शा पास करते समय एडीए बाह्य विकास शुल्क वसूलता है। अंदर का विकास बिल्डर को कराना पड़ता है। जिसकी वैधता अवधित होती है। बीच-बीच में एडीए को सत्यापन करना पड़ता है। लेकिन एडीए अफसर 20 साल तक सोते रहे। मामला जब एनजीटी में पहुंचा तो खामियां छिपाने के लिए बिल्डरों पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है। जिन लोगों ने तब एडीए एप्रूव्ड कॉलोनी में प्लॉट खरीदे उन्हें अब खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
सिर्फ दो दिन का मौका
एडीए ने सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए आठ कॉलोनियों में प्लॉट खरीदार व हितधारकों को अपना पक्ष रखने, आपत्ति दर्ज कराने के लिए दो दिन यानी 25 नवंबर तक मौका दिया है। ऐसे लोग एडीए स्थित नियोजक कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
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