[ad_1]
Arrest demo
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बुधवार को फर्जी आईएएस पकड़ा गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अधिकारी बताकर लोगों को टेंडर और नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करता था। फर्जी आईएएस पंकज राव उर्फ पंकज गुप्ता को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह सहारनपुर का है। ताजगंज थाने में महिला ने टेंडर दिलाने के नाम पर 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। आरोपी खुद को मुख्यमंत्री के सचिवालय में सचिव होना बताता था।
मूलरूप से सहारनपुर के पठानपुरा, रामनगर निवासी पंकज राव के पास से पुलिस ने दो आधार कार्ड, दो पैन कार्ड और एक फर्जी पहचान पत्र बरामद किया। पहचान पत्र में आरोपी ने खुद को लोक निर्माण विभाग का सचिव दर्शाया है। विभव नगर की नेहा बालियान ने नवंबर 2022 में दर्ज कराए मामले में ताजगंज पुलिस को बताया कि गाजियाबाद निवासी नीतू राणा से उनकी 20 साल पुरानी पहचान है। 6 अक्तूबर 2022 को नीतू का उनके पास फोन आया। नीतू ने उसे बाल विकास एवं आशा कार्यकर्ता की भर्ती का टेंडर लेने के लिए कहा। बताया कि उसकी पहचान एक आईएएस अधिकारी से है। वह लखनऊ में मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात है। वह यह काम कराता है।
लखनऊ सचिवालय के नाम से शो होता है नंबर
नेहा के मुताबिक, इसके बाद पंकज गुप्ता नामक फर्जी आईएएस आगरा में उनसे मिला। उसे टेंडर दिलाने के लिए 14 लाख रुपये का खर्च बताया। उन्होंने 6 लाख रुपये नकद दिए। चार-चार लाख रुपये के दो चेक दिए। मोबाइल में जब ट्रू कॉलर पर आरोपी का नंबर चेक किया तो वह लखनऊ सचिवालय के नाम से आया। उन्होंने विश्वास कर लिया। आरोपी ने उनसे फाॅर्म भरवाया। एक नोटरी भी कराई। रुपये देने के बाद जब कोई जवाब नहीं आया तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने दोनों चेक का पेमेंट स्टॉप करा दिया। पुलिस ने नीतू राणा और पंकज के खिलाफ केस दर्ज किया।
बाक्स
शादी का विज्ञापन देकर किया दुष्कर्म, भेजा था जेल
इंस्पेक्टर ताजगंज बहादुर सिंह ने बताया कि फर्जी आईएएस अधिकारी ने सहारनपुर में शादी के लिए विज्ञापन देकर एक महिला को जाल में फंसाया था। महिला को बेहोश करके उसके साथ दुराचार किया। विज्ञापन में भी उसने खुद को विधुर बताते हुए आईएएस अधिकारी को वधू चाहिए लिखवाया था। इस मामले में सहारनपुर के सदर थाने में उसके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा विचाराधीन है, जिसमें वह जेल गया था। जमानत पर बाहर आया है। दूसरा धोखाधड़ी का मामला कानपुर में दर्ज है। उसमें भी पुलिस को उसकी तलाश है।
फोटो दिखाकर फंसाया करता था
पुलिस के अनुसार आरोपी बेहद शातिर है। अधिकारी कहीं भी मिल जाएं तो उनके पास खड़े होकर फोटो जरूर खिंचाता है। जिस अधिकारी के पास जाता था उसकी कार्यप्रणाली की तारीफ करके उसे प्रभावित कर लेता था। उनके साथ फोटो खिंचा लेता था। फोटो दिखाकर लोगों को बताया करता था कि उसके बहुत अच्छे संबंध हैं। किसी भी अधिकारी से उसकी मुलाकात बेवजह नहीं होती थी। दूसरों को जाल में फंसाने के लिए उसे बड़े लोगों के साथ फोटो चाहिए होती थी। उसके मोबाइल में इस तरह के कई फोटोग्राफ्स भी मिले हैं।
[ad_2]
Source link