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भगवान राम (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के थाना लोहामंडी के जटपुरा में स्थित प्राचीन श्रीरामचंद्र महाराज के मंदिर से तकरीबन 300 साल पुरानी कई मूर्तियां गायब हो गई हैं। मंदिर प्रबंधक और पुजारी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसी मंदिर से हर साल दशहरा पर राम बरात निकाली जाती है।
श्रीरामचंद्र महाराज मंदिर के प्रबंधक रामदास कटारा के अनुसार करीब तीन हजार वर्ग गज में फैले मंदिर परिसर में कई पुराने किरायेदारों का कब्जा है। उनका आरोप है कि मंदिर से कई प्राचीन और कीमती मूर्तियां गायब हो चुकी हैं। मामले में दो सप्ताह पहले क्षेत्रीय लोगों की ओर से लोहामंडी थाने पर तहरीर दी गई। पुलिस ने तहरीर लेकर मामले को आपसी विवाद बता दिया।
वहीं, मंदिर के पुजारी आचार्य दीपमणि शुक्ला ने बताया कि करीब एक महीने से मंदिर में मूर्तियां गायब होने की अफवाह फैलाई जा रही है। यह पुजारी को हटाने की साजिश का हिस्सा है। वह जनवरी 2022 से मंदिर में पुजारी हैं। उस समय मंदिर की वीडियो बनाई थी, जिसमें 13 मूर्तियां दिखाई दे रही हैं। इसमें नौ मूर्तियां अभी भी हैं। जिन चार मूर्तियों को गायब बताया जा रहा है, वह पूर्व पुजारी के परिजन की थीं। कोरोना काल में पुजारी व उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद परिजन चारों मूर्तियां ले गए।
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ये बोले प्रभारी निरीक्षक
प्रभारी निरीक्षक लोहामंडी ने आशीष कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में मूर्तियां चोरी की बात सही नहीं पाई गई है। पुजारी और समिति का विवाद सामने आया है।
राजा टोडरमल ने कराई थी मंदिर की स्थापना
क्षेत्रीय लोगों की मान्यता है कि मंदिर की स्थापना अकबर के नवरत्नों में शामिल रहे राजा टोडरमल ने करवाई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने वर्ष 1991 में मंदिर की सभी मूर्तियों का सर्वेक्षण किया गया था। इसमें मूर्तियां 300 वर्ष से अधिक पुरानी थीं।
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