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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : Amar Ujala
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उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पूर्व राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह और उनके पुत्र संजीवपाल सिंह पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। पीड़िता ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। कहा कि प्लॉट के नाम पर 22 लाख रुपये लिए। इसके बाद न प्लॉट दिया और न ही पैसे वापस कर रहे हैं। मामले में कोर्ट ने लोहामंडी थाना प्रभारी को 10 फरवरी तक आख्या उपलब्ध करने को आदेशित किया है।
मामला कमलानगर के शांति अपार्टमेंट तेज नगर का है। यहां की निवासी मीना अग्रवाल ने चौधरी उदयभान सिंह और उनके पुत्र संजीव पाल सिंह के खिलाफ अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने कहा कि चौधरी उदयभान सिंह ने 200 वर्ग गज का प्लॉट समाजवादी सहकारी समिति ज्योति नगर, कलवारी में दिखाया था। अपने लोहामंडी आवास पर बुलाकर प्लॉट की कीमत 16 लाख रुपये बताई। कहा कि दो साल के बाद इसकी कीमत 50 लाख रुपये हो जाएगी। इस पर वह और पति प्लॉट खरीदने के लिए मान गए।
न प्लॉट दिया और न ही रुपये वापस किए
मीना ने बताया कि 27 फरवरी 2015 को 6 लाख रुपये का चेक और 16 लाख रुपये नगद दिए। 27 मई 2015 को तहसील सदर में प्लॉट का बैनामा किया गया। छह माह बाद कब्जा मांगा तो दूसरा प्लॉट देने की बात कहने लगे। 21 अक्टूबर 2015 को तीसरा प्लॉट दिखाकर बोले ये आपका है।
इसके बाद 26 मार्च 2022 को जाकर देखा तो उस प्लॉट पर भी निर्माण कार्य चल रहा था। उनके बेटे संजीव पाल सिंह से जानकारी की। इस पर उन्होंने कहा इस बारे में पिताजी बताएंगे। पिता ने बेटे से बात करने की कहकर टाल दिया। बाद में न प्लॉट दिया और न ही रुपये वापस किए।
मुकदमा दर्ज कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया
मीना ने अधिवक्ता नवीन कुमार वर्मा के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-2 की कोर्ट ने लोहामंडी थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि मामले में प्रारंभिक जांच कर अपनी निष्कर्ष जांच आख्या 10 फरवरी तक अदालत में प्रस्तुत करें।
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