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पानी की किल्लत से जूझ रही महिलाओं ने खाली बाल्टी लेकर प्रदर्शन किया।
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में गंगाजल आए चार साल बीत गए। इसके बाद भी दयालबाग की 34 कॉलोनियों को पानी नहीं मिला। यहां 2.84 करोड़ रुपये भी 15 वित्त से जल निगम ने प्रभावित कॉलोनियों में सप्लाई के लिए बहाए। सात कॉलोनियों में आंशिक सप्लाई हो सकी। इसके लिए भी जल निगम ने तुलसी बाग व पंजाबी बाग की सप्लाई पाइपलाइन में वॉल्व लगा डायवर्ट कराई। ये खुलासा रविवार को जलकल टीम की जांच में हुआ है।
50 दिन पहले तक आता था पानी
जलकल विभाग के सचिव वीबी सिंह ने जांच रिपोर्ट जल निगम गंगाजल इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर रमेश चंद को भेजी है। इधर, 50 दिन से पानी को तरस रहे तुलसीबाग और पंजाबी बाग के लोगों का कहना है कि उनके यहां 50 दिन पहले तक पानी आता था। जल निगम ने उनकी कॉलोनियों की सप्लाई बंद कर डायवर्ट कर दी। फिर भी सात कॉलोनियों में ही पानी आ रहा है, इससे लोगों में गहरा आक्रोश है।
क्षेत्रीय निवासी सौरभ चौधरी ने बताया कि जल्द पानी की समस्या नहीं हल हुई तो क्षेत्रीय लोग उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस संबंध में जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रमेश चंद का कहना है कि 34 कॉलोनियों के लिए योजना नहीं बनी है। जिन क्षेत्रों में पानी नहीं मिल रहा उनके लिए दोबारा एक प्रस्ताव अमृत योजना में भेजा है।
दिनभर पानी के लिए भटके
गोकुलपुरा में बूस्टर पंप लगाने के बाद भी पानी सप्लाई नहीं हो रहा। बाड़ा चरन सिंह निवासी संगीता ने बताया कि एक महीने से पानी की परेशानी है। दो दिन पानी आता है, चार दिन नहीं आता। रविवार को पांच मिनट के लिए नल आए। पानी भी नहीं भरा जा सका। दिनभर महिलाएं, बच्चे पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
15 दिन से बंद है सप्लाई
दूसरी तरफ बिल्लोचपुरा रेलवे कॉलोनी में 15 दिन से सप्लाई बंद है। जलकल महाप्रबंधक कुलदीप सिंह का कहना है कि रेलवे ने बिल का भुगतान नहीं किया। रेलवे कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे उनके वेतन से हाउस टैक्स व अन्य कटौती करता है। बिल न देने पर रेलवे अधिकारियों के कनेक्शन काटे जाएं। कर्मचारियों से इसका क्या मतलब।
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