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अदालत।
– फोटो : amar ujala
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आगरा के ताजगंज थाना क्षेत्र में जेठानी की हत्या में अदालत ने दो देवरानियों को दोषी पाया। थाना क्षेत्र के सेमरी का ताल निवासी स्वाति पत्नी भोलू उर्फ लोकेंद्र और शिखा शर्मा पत्नी तारा चंद को अपर जिला जज-8 दिनेश तिवारी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 11-11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
ताजगंज थाने में सेमरी का ताल निवासी सोनू शर्मा ने तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 13 जून 2016 को मां सुषमा शर्मा और दादी उर्मिला घर पर मौजूद थीं। दोपहर लगभग एक बजे चाची शिखा और स्वाति, चाचा लोकेंद्र उर्फ भोलू घर पर आकर मां से गालीगलौज करने लगे। उस दौरान बाबा मोहन सिंह भी घर पर आ गए। उन्होंने कहा कि आज सुषमा का किस्सा ही खत्म कर दो। इस पर चाचा घर से मिट्टी के तेल की कट्टी निकाल ले आए और मां के ऊपर जान से मारने की नीयत से मिट्टी का तेल छिड़क दिया। मां ने जान बचाने के लिए घर में भागदौड़ कर काफी प्रयास किया।
इलाज के दौरान 15 जून 2016 को मां की मौत
इसके बावजूद चाची शिखा, स्वाति और बाबा ने मां को पकड़ लिया। चाचा ने माचिस से मां के कपड़ों में आग लगा दी। वो पूरी तरह जल गईं। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग आ गए। उन्हें देख आरोपी फरार हो गए। दादी ने गांव वालों की मदद से आग पर काबू पाया। इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान 15 जून 2016 को मां की मौत हो गई।
ताजगंज पुलिस ने मुकदमे की विवेचना कर चाचा लोकेंद्र उर्फ भोलू , चाची शिखा व स्वाति और बाबा मोहन सिंह के विरुद्ध हत्या एवं गालीगलौज की धारा में आरोपपत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट ने 9 मार्च 2017 को मुकदमे की कार्रवाई शुरू की। मामले में शिखा और स्वाति मुकदमे की पत्रावली अलग कोर्ट में और चाचा लोकेंद्र और बाबा मोहन सिंह की पत्रावली अलग कोर्ट में चल रही है।
11-11 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया
मुकदमे के विचारण में साक्ष्य और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप शर्मा के तर्क के आधार पर अपर जिला जज-8 दिनेश तिवारी ने सुषमा शर्मा की हत्या में देवरानी शिखा और स्वाति को दोषी पाया। आजीवन कारावास के साथ दोनों को 11-11 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
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