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आगरा कलक्ट्रेट
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में अधिकारियों ने जिंदा व्यक्ति को मृत लिखकर उसकी पेंशन रोक दी। मामला बढ़ा तो जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने सचिव के विरुद्ध जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जिला समाज कल्याण अधिकारी व बीडीओ को फटकार लगाई है।
एत्मादपुर क्षेत्र के नगला हंसराज निवासी दीनानाथ जीवित हैं। समाज कल्याण विभाग से उनकी बंद हो गई। शनिवार को वह हाथ में ‘मैं जिंदा हूं’ का पोस्टर लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। इसका वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने संज्ञान लिया। उन्होंने दीनानाथ को पेंशन जारी करने के आदेश दिए।
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इसके अलावा कई अन्य मामले चर्चित हैं। पेंशन के लिए ‘मैं जिंदा हूं’ की गवाही को बुजुर्ग कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार में भटकने को मजबूर हैं। जीवित प्रमाण पत्र लेकर अपने जिंदा होने का सबूत दे रहे हैं। बहुत से वृद्ध ऐसे हैं, जिनकी पेंशन रुक गई है। हर साल पेंशनर्स को अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ता है।
कलक्ट्रेट स्थित कोषागार में रोज 10 से 15 वृद्ध जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने पहुंच रहे हैं। नवंबर माह में करीब 250 से अधिक लोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। इनमें विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लेकर सेवानिवृत्त कार्मिक शामिल हैं।
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जीविेत प्रमाण पत्र की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है। परंतु, तकनीकी कारणों से वृद्धजन इसका लाभ नहीं ले पाते। ऐसे में उन्हें मैनुअल प्रमाण पत्र लेकर कलक्ट्रेट में जमा कराने पड़ रहे हैं। इनके लिए कोषागार में सुविधाए पर्याप्त नहीं हैं।
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