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जगद्गुरु रामभद्राचार्य
विस्तार
आगरा में तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के मुख से रामकथा का हर शब्द भक्तों मन को स्पर्श करता रहा। पंडाल में जय श्री राम और सीयाराम की धुन पर भक्त नाचते और गाते नजर आए। सोमवार को जगद्गुरु ने राम-सीता प्रेम, जाटयु प्रसंग से सुंदरकांड तक का वर्णन किया। भक्त भी कथा सुनने के लिए अपने स्थान पर बैठे रहे। महाराज ने रामकथा के साथ ब्रज में भगवान कृष्ण का उल्लेख भी किया।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के मंच पर आने पर जयश्रीराम के नारे लगने लगे। सिया राम की धुन पर पुरूष और महिला अपने स्थानों पर खड़े होकर नृत्य करते हुए भक्ति में डूबे नजर आए। महाराज ने सुदंरकांड के श्लोकों से कथा शुरू करते हुए कहा कि पति का पत्नी से प्रेम करना कोई पाप नहीं है। अपनी पत्नी के अतिरिक्त पति को दूसरी महिला को आंख उठाकर नहीं देखना चाहिए। इस नियम का पालन पत्नी को भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु राम पुष्प चुनकर सीता जी के लिए पुष्पों के आभूषण बनाते हैं। यह देखकर इंद्र का पुत्र जयंत कौए का रूप लेकर आता है और सीताजी के चरण में चोंच मार देता है। इस पर भगवान राम उस पर शस्त्र छोड़ देते है। सीताजी आदिशक्ति का रूप है, इसलिए भगवान राम राक्षसों का वध करने के लिए पुष्प चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं। पूरी रामायण में नारी का सम्मान है। इसके बाद महाराज ने जटायु प्रसंग और सुदंरकांड का सुंदर वर्णन किया। रामकथा को सुनने के लिए भक्त शुरू से अंत तक शांति से अपने स्थान पर बैठे रहे। वह रामकथा सुनकर खुद को धन्य मान रहे थे।
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प्रेम निधि मंदिर का हो जीर्णोद्धार
जगद्गुरु ने रामकथा मंच से प्रेम निधि मंदिर के जीर्णोद्धार की बात कहीं। उन्होंने कहा कि 40 वर्ष पहले दर्शन करने आए थे। उसके बाद अब दर्शन किए है। सांसद रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने 51 लाख रुपये देने की घोषणा की है। 30 नवंबर तक मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए।
अयोध्या में 51 कुंडों की करें सेवा
अयोध्या में 51 कुंडों की सेवा आगरा वाले करेंगे। यह बात जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंच से भक्तों को बताई। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए एक हजार लोग आगरा से अयोध्या जाएंगे। इससे भगवान राम और कृष्ण की जन्मभूमि भी एक दूसरे से जुड़ेगी।
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