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आईएसबीटी आगरा
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उत्तर प्रदेश के आगरा में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पर पिछले 10 दिन से बरेली के कोर्ट में कार्यरत महिला अपने सामान के साथ डेरा जमाए थी। वह मानसिक रूप से परेशान लग रही थीं। रोडवेज कर्मियों के पूछताछ करने पर उन्हें गाली-गलौज करने लगती थी। रोडवेज अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी मगर पुलिस के साथ भी महिला ने अभद्रता कर दी। रोडवेज कर्मियों ने महिला के मोबाइल से उसकी दिल्ली में रहने वाली बेटी से संपर्क किया।
आईएसबीटी पर पिछले 10 दिनों से एक महिला रोडवेज कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। वह बैग, अटैची और गैस सिलिंडर के साथ स्टेशन पर ही रह रही थी। रात में अपने बैगों के बीच ही चादर में सो रही थी। पूछताछ करने पर भड़क जाती थी। स्टेशन के सह प्रभारी चंद्रहंस ने बताया कि कई बार रोडवेज कर्मियों ने पूछताछ करने कोशिश की। मगर वह किसी को पास नहीं फटकने दे रही थीं।
बाकी दिनचर्या सामान्य व्यक्ति की तरह ही थी। किसी तरह उनके मोबाइल से दिल्ली में रहने वाली बेटी का मोबाइल नंबर मिला। बेटी सोनी ने बताया कि महिला कामना सिंह हैं। वर्ष 2007 में पति की मृत्यु के बाद बरेली के कोर्ट में बतौर पेशकार काम कर रही थीं। दो बेटे हैं। बेटों से भी झगड़ा रहता है। चार-पांच साल नौकरी के बाद दिमागी रूप से परेशानी हुई तो इलाज कराया।
बताया कि जब तक दवाएं चलती हैं, ठीक रहती हैं। इसके बाद व्यवहार बदल जाता है। कुछ दिन पहले बरेली से घर से निकल आई हैं। शनिवार की शाम को बेटी-दामाद आईएसबीटी पर पहुंच गए, मगर वह साथ जाने को तैयार नहीं हुई। बाद में किसी तरह बेटी दामाद उन्हें साथ ले गए।
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