[ad_1]
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
आगरा के थाना मलपुरा क्षेत्र में गांजा बरामदगी के एक मामले में कोर्ट ने पकड़े गए पांचों आरोपियों को दोषी माना। इन पर तस्करी और गांजा बेचने के आरोप थे। सभी को 12 साल के कारावास और 10 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
मलपुरा में दर्ज हुआ था केस
विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ज्ञानेंद्र राव ने सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी निवासी चंद्रमोहन, मलखान उर्फ चीकू, खंदौली के गांव बांस रिसाल निवासी सत्यदेव उर्फ भगत सिंह, खंदौली निवासी बिजेंद्र सिंह, बुलंदशहर के गांव ईशापुर निवासी बीरेंद्र सिंह को दोषी पाया। थाना मलपुरा में एसटीएफ निरीक्षक हुकुम सिंह ने केस दर्ज कराया था।
ये भी पढ़ें – Agra: यूपी पुलिस से रिटायर्ड इंस्पेक्टर के बेटे की शर्मनाक करतूत, युवती से दोस्ती, प्यार और फिर…
ये है पूरा मामला
केस के मुताबिक, निरीक्षक हुकुम सिंह 2 अगस्त 2022 को एसआई धूम सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ गश्त पर थे। एसटीएफ लखनऊ यूनिट से मादक पदार्थ तस्करी की सूचना मिली। फोर्स के साथ मलपुरा-कागारौल रोड पर पहुंचे। थानाध्यक्ष सहित मलपुरा पुलिस को बुला लिया गया। पुल के नीचे एक कार खड़ी दिखाई दी। उसमें मौजूद व्यक्ति उड़ीसा से गांजा लेकर आने वाले ट्रक का इंतजार कर रहे थे।
सुनाई गई सजा
ट्रक के आने पर पुलिस ने घेराबंदी कर ट्रक सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कब्जे से 109 किलो 200 ग्राम गांजा, ट्रक, एक हुंडई वरना कार, मोबाइल, नगदी बरामद कर आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल भेजा गया था। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ज्ञानेंद्र राव ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और लोक अभियोजक विनायक वशिष्ठ के तर्क के आधार पर आरोपियों को दोषी माना।
[ad_2]
Source link