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धुआं
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में धुआं उगलने और प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर रोक है। फिर भी सेवला रिहायशी क्षेत्र में कारखानों से धुआं उठ रहा है। अफसरों की आंखें बंद होने पर पीड़ित ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में शिकायत की है। एनजीटी ने जांच के लिए कमेटी बनाई है।
सेवला निवासी राजेंद्र त्यागी करीब सालभर से रिहायशी क्षेत्र में संचालित अवैध फैक्टरी व कारखानों के विरुद्ध प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एडीए व प्रशासनिक अफसरों से शिकायत करते रहे। अफसर जांच के लिए पहुंचे। आरोप है कि जाने से पहले ही प्रदूषण बोर्ड अधिकारी ने फैक्टरी संचालकों को सूचित कर दिया। जिससे मौके पर कुछ नहीं मिला।
राजनीतिक दबाव के कारण शिकायत वापस लेने के लिए कहा गया। उसने एनजीटी में शिकायत दर्ज कराई। जिसका संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने पर्यावरण वैज्ञानिक व डीएम सहित तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। जांच कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। एनजीटी में मामले की सुनवाई 18 जुलाई को होनी है।
टीटीजेड के सदस्य व संयोजक चर्चित गौड़ ने वैज्ञानिक को पत्र लिख जांच के लिए अवगत कराया है। इधर, बृहस्पतिवार को कारखानों से धुआं निकलता रहा। टीटीजेड में किसी भी तरह के प्रदूषणकारी कारखाना व फैक्टरी संचालन पर प्रतिबंध है। फिर भी संचालन होने से अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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