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कमला नगर थाना में दर्ज हुआ था मुकदमा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के थाना कमला नगर में 8 अप्रैल को जानलेवा हमला और एससी-एसटी एक्ट का केस विरोधियों को फंसाने के लिए लिखाया गया था। इसकी साजिश रची गई थी। भाजयुमो की पूर्व पदाधिकारी का एक परिचित साजिश में शामिल था। उसने साथियों के साथ पहुंचकर मारपीट इस तरह की थी कि लोगों को घटना सही लगे। पर, पुलिस की विवेचना में सच सामने आ गया।
दहतोरा, सिकंदरा निवासी भूरी सिंह ने थाना कमला नगर में अजीम, अफसर खान, रेहान खान और गौरव चौधरी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। भूरी सिंह ने बताया था कि आरोपियों से पुरानी कार का सौदा किया था। 50 हजार रुपये दिए थे। कार पसंद नहीं आने पर डीलर से रकम वापस मांगी। मगर, उसने इन्कार कर दिया।
इसके बाद सुल्तानगंज पुलिया पर घेरकर मारपीट की गई। गाड़ी से कुचलने की कोशिश हुई। जातिसूचक अभद्रता की गई। पुलिस ने मामला दर्ज किया। नामजद आरोपियों को पकड़ लिया। मगर, मामला पुलिस आयुक्त के पास पहुंचा। घटना के पीछे साजिश के आरोप लगाए गए। इस पर एसीपी हरीपर्वत को जांच के आदेश किए गए।
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कार खरीदने का था विवाद
एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी ने बताया कि विवेचना में सामने आया कि कार डीलर अजीम सहित अन्य का अक्तूबर 2022 में भाजयुमो की एक पूर्व पदाधिकारी के साथ विवाद हुआ था। डीलर ने पूर्व पदाधिकारी से उनकी कार का सौदा किया था। उन्होंने रकम ली लेकिन कार नहीं दी। इस पर केस दर्ज कराया गया था। पुलिस ने कार को बरामद किया था। इसी मुकदमे के बाद फर्जी मुकदमे की साजिश की गई, लेकिन इसकी जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया मुकदमे के पीछे यही विवाद सामने आया है।
शिकायकर्ता को दिए थे 12500 रुपये
एसीपी के मुताबिक, भूरी सिंह ने पुलिस को बताया कि मुकदमा लिखाने के लिए ऋषभ राणा ने संपर्क किया था। उसे 12500 रुपये दिए। साजिश के मुताबिक वो घटनास्थल से निकला। ऋषभ अपने तीन-चार साथियों के साथ आया। मारपीट की, जिससे मारपीट की घटना सही समझी जाए। वो शिकायत करने थाने गया। नामजद केस दर्ज करा दिया। ऋषभ भाजयुमो की पूर्व पदाधिकारी का परिचित है। पुलिस अब ऋषभ की तलाश कर रही है, ताकि साजिश में शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।
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