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आगरा में खुला विजिलेंस थाना
– फोटो : अमर उजाला
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एटा के तत्कालीन जिला पंचायतराज अधिकारी (डीपीआरओ) सुधीर कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ विजिलेंस ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2018-2019 के दौरान स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों के आवंटन में नियमों की अनदेखी की। गड़बड़ी के साक्ष्य मिलने के बाद उनके खिलाफ आगरा के विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है।
सुधीर कुमार श्रीवास्तव 30 जुलाई 2018 से 25 फरवरी 2019 के दौरान जिला पंचायतराज अधिकारी एटा के पद पर रहे। इस दौरान स्वच्छ भारत अभियान, ग्रामीण योजना के अंतर्गत 20259 शौचालयों का प्रथम आवंटन 11 सितंबर 2018 को हुआ। दूसरा आवंटन 26446 शौचालयों का 22 सितंबर 2018 को हुआ। ये आवंटन वर्ष 2011 की जनगणना के बेसलाइन सर्वे में पात्र पाए गए परिवारों के आधार पर स्वीकृत किया गया था।
15.86 करोड़ रुपये कराए गए थे उपलब्ध
डीएम एटा की ओर से 22 सितंबर 2018 को 26446 शौचालयों के निर्माण के अनुमोदन के बाद 15.86 करोड़ की धनराशि संबंधित चेक एवं बैंक एडवाइजरी केनरा बैंक, विकास भवन एटा में उपलब्ध कराई गई। बेसलाइन सर्वे में छेड़छाड़ की बात संज्ञान में आने पर जिला पंचायतराज अधिकारी ने चेक निरस्त करा दिया। धनराशि संबंधित ग्राम पंचायतों के खाते में स्थानांतरित नहीं हो सकी।
विजिलेंस ने जांच में पाया कि जिला पंचायतराज अधिकारी की ओर से पंचायतों को आवंटित किए जाने वाले शौचालयों की संख्या में आवंटित की जाने वाली धनराशि के मानकों में अनियमितता की। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण को मिली करोड़ों रुपये की धनराशि का अपने तरीके से उपयोग किया।
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