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भूमाफिया की संपत्ति जब्त। (सांकेतिक)
– फोटो : amar ujala
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ताजनगरी आगरा के सरकारी व निजी भूमि पर कब्जे नहीं रुके। घोषणा के बाद भी भूमाफिया जेल नहीं भेजे गए। नियंत्रण के लिए बनी एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स फेल हो गई। पिछले 21 महीने से कमेटी की बैठक तक नहीं हो सकी। इधर, आईजीआरएस पोर्टल पर जिले में 3600 से अधिक अवैध कब्जों की शिकायत एंटी भूमाफिया पोर्टल पर दर्ज हो चुकी हैं।
2017 से जिले में 44 भूमाफिया घोषित हो चुके हैं। जिन्होंने कब्जा कर करीब 150 करोड़ रुपये की सरकारी व निजी संपत्ति खुर्दबुर्द की। पिछली बार जनवरी 2021 में डीएम प्रभु एन सिंह ने टास्क फोर्स बैठक की थी। जिसमें तीन नए भूमाफिया घोषित हुए थे। 21 महीने से फिर बैठक नहीं हो सकी। इस बीच दो डीएम बदल चुके हैं।
नाथ का बाग प्रकरण में गए थे जेल
नाथ का बाग प्रकरण में रवि बंसल, नरेंद्र कुमार शर्मा, हरपाल सिंह, सत्य प्रकाश शर्मा, मनोज कुमार, सुरेश चंद शर्मा, राजकुमार शर्मा, रामबाबू व राम कुमार भूमाफिया घोषित हुए थे। तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक ने भूमाफिया के विरुद्ध सख्ती दिखाई। भूमाफिया जेल गए।
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जोंस मिल प्रकरण में घोषित भूमाफिया राजेंद्र प्रसाद जैन उर्फ रज्जो, कंवलदीप सिंह और हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन को जेल की हवा खानी पड़ी। इनके अलावा कोई भूमाफिया जेल नहीं गया। इनके कब्जे से पुलिस प्रशासन जमीनें भी मुक्त नहीं करा सका है।
कोर्ट में चल रहे मामले
घोषित भूमाफिया के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उनकी संपत्तियां चिह्नित कराई हैं। कई मामले उच्च न्यायालय में लंबित हैं। ऐसे में उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकी। जल्द बैठक आयोजित होगी। -अजय कुमार सिंह, एडीएम प्रशासन
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