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Agra: अवैध होटल… होम स्टे में गंदा काम, सत्यापन में प्रशासन नाकम (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में दुनियाभर से पर्यटक आते हैं। यहां कितने होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस हैं, पुलिस और प्रशासन को यह नहीं पता। अवैध होटल व होम स्टे में गंदा काम हो रहा है। तीन साल से सत्यापन में प्रशासन नाकाम है। अग्निकांड से लेकर संदिग्धों के ठहरने व असामाजिक गतिविधियों के बावजूद जिम्मेदार आंख मूंद कर सो रहे हैं।
ताजमहल के पास बड़े पैमाने पर घरों में होम स्टे खुले हैं। ताजनगरी फेज-2 में अवैध होटल, रूफ टॉप संचालित हैं। फतेहाबाद रोड, सिकंदरा, बिचपुरी रोड से लेकर रामबाग, ट्रांस यमुना तक अवैध रूप से संचालित होटलों में अवैध काम हो रहे हैं।
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2020 में तत्कालीन एडीएम प्रोटाकॉल हिमांशु गौतम ने सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों को होटलों के सत्यापन के निर्देश दिए थे। होटल संचालक का नाम, कमरों की संख्या, पंजीकरण व अन्य दस्तावेज का ब्योरा मांगा, लेकिन तीन साल बाद भी सत्यापन नहीं हो सका।
लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड के बाद एडीए व अग्निशमन विभाग ने संयुक्त सर्वे किया। एडीए ने 10 से अधिक होटल सील किए। सीलिंग के बाद एडीए अधिकारियों की मिलीभगत से सील टूट गईं। होटल एसोसिएशन के अनुसार शहर में 450 होटल हैं। जबकि एक सर्वे की रिपोर्ट में 1200 से अधिक होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस अवैध रूप से संचालित हैं। पर्यटन विभाग से सराय एक्ट में बिना पंजीकरण संचालित हैं।
500 मैरिज होम भी अवैध
आगरा विकास प्राधिकरण से शहर में सिर्फ दो मैरिज होम पंजीकृत हैं। जबकि 500 से अधिक मैरिज होम अवैध रूप से संचालित हैं। इनके विरुद्ध एडीए व अन्य विभाग कार्रवाई नहीं करते। जन प्रहरी संस्था संयोजक नरोत्तम शर्मा का कहना है कि अवैध निर्माणों से एडीए इंजीनियर व अधिकारी सुविधा शुल्क वसूलते हैं। इस वजह से कोई जांच नहीं होती।
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