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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कमीशन के चलते डेविड मारियो की डिजीटेक्स टेकभनालॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की गलतियों को नजर अंदाज करते रहे। एजेंसी ने अंकतालिका, डिग्री समेत परीक्षा संबंधी कार्य समय से नहीं किए, त्रुटियां भी खूब रहीं। कमीशन मिलने के कारण विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एजेंसी पर कार्रवाई नहीं की और नहीं करार खत्म किया।
डेविड मारियो डेनिस की डिजीटेक्स टेकभनालॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 2014-15 से विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी कार्यों का संचालन कर रही है। इसमें एजेंसी को वेब पंजीकरण, फीस जमा करना, परीक्षा फार्म भरवाना, प्रवेश पत्र जारी करना, कॉपियों पर बार कोडिंग, ऑलाइन अंक चढ़ाने, फोइल तैयार करने का कार्य रहता है। इसके बाद परिणाम तैयार करने के बाद डिग्री और अंकतालिका की छपाई कर वितरण की जाती है। इन तमाम कार्यों में एजेंसी की खामियां रहीं।
डिग्री और अंकतालिका समय पर नहीं मिली, त्रुटियां भी भरपूर रहीं। इसके लिए छात्र अभी भी विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों को एजेंसी की ओर से कमीशन मिलने के कारण किसी भी अधिकारी ने इसका करार समाप्त नहीं किया। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष गौरव शर्मा ने बताया कि एजेंसी ने समय पर परीक्षा संबंधी, अंकतालिका और डिग्री बनाकर नहीं दिए। नाम, अंकों समेत तमाम त्रुटियां रहीं, इनको ठीक कराने के लिए छात्र अब भी भटक रहे हैं। कमीशन के चलते इस एजेंसी पर मेहरबानी रखी। ऐसे में प्रो. पाठक के अलावा पूर्व के कुलपतियों पर भी मुकदमा दर्ज कर जांच की जानी चाहिए।
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