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आगरा कोर्ट ने थाना बाह के मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मुल्जिमों ने कोर्ट से बाहर आते ही एडीजीसी को धमकाया। जान से मारने की धमकी दी। इससे एडीजीसी दहशत में हैं। मामले की शिकायत एसएसपी से की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मामला दो सितंबर का है। कोर्ट ने थाना बाह के राज्य बनाम अलकेंद्र आदि के मामले सजा सुनाई थी। बाह के विक्रमपुर निवासी अलकेंद्र उर्फ अखिलेश, बलकेंद्र उर्फ संदीप, अन्नू उर्फ अनूप, मोनी उर्फ मनीष और अनिरुद्ध को आजीवन कारावास से दंडित किया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मधु शर्मा ने केस में प्रभावी पैरवी की थी। दर्ज कराई रिपोर्ट के मुताबिक, शाम तकरीबन 4:30 बजे कोर्ट से बाहर निकलते ही मुल्जिमों ने धमकी दी। कहा कि तुमने मुकदमे में बहुत पैरवी की है। हम सबकी सजा कराई है। इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
आरोपियों की धमकी से एडीजीसी मधु शर्मा दहशत में हैं। उन्होंने परिवार के साथ भी खतरे की आशंका जाहिर की है। यह भी बताया कि मुल्जिम जिले के टॉप 10 अपराधिायों की सूची में शामिल हैं। एडीजीसी ने एसएसपी प्रभाकर चौधरी से मुलाकात की। इसके बाद थाना न्यू आगरा में पांचों अभियुक्त अलकेंद्र, बलकेंद्र, अन्नू उर्फ अनूप, मोनी उर्फ मनीष और अनिरुद्ध के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि विवेचना की जा रही है।
अधिवक्ताओं ने की सुरक्षा की मांग
मामले में जिला शासकीय और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताओं ने रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पैरवी करने पर धमकी मिलेगी तो कार्य करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में एडीजीसी को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। वहीं आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता शिशुपाल कसाना, बाबा दीवान सिंह, राजेंद्र कुमार कर्दम, दिनेश चंद शर्मा ने भी अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
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