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आगरा आरटीओ
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों से वसूली की शिकायत पर सोमवार को अपर आयुक्त यशोवर्धन श्रीवास्तव ने छापा मारा। अपर आयुक्त के पहुंचते ही कार्यालय में अफरातफरी मच गई। बाहरी युवक कुर्सियां छोड़कर भाग निकले। अपर आयुक्त ने करीब 40 मिनट तक ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को परखा। इसके बाद डीएल कक्षों में फाइलों का अवलोकन किया। वह अन्य पटलों तक नहीं गए। उन्होंने दो बाहरी युवकों के नाम लेकर उनके बारे में भी पूछताछ की।
सोमवार दोपहर करीब 1 बजे अपर आयुक्त ने एआरटीओ (प्रशासन) एनसी शर्मा के साथ पहले बॉयोमेट्रिक और लाइसेंस कागज जांच वाले कक्ष देखे। गैलरी में खड़े लोगों से बात की और उनकी समस्याओं को पूछा। इसके बाद पिछले तीन माह के ड्राइविंग लाइसेंस का रिकाॅर्ड तलब किया। कुछ रिकाॅर्ड को जांच के लिए कब्जे में ले लिया। छापे की सूचना पर आरटीओ कार्यालय से बाहरी युवक पहले ही कक्षों से भाग गए। इस वजह से अधिकतर कक्षों में काम बंद हो गया।
मिली थी शिकायत
अपर आयुक्त यशवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर लोगों को परेशान करने की शिकायत मिली थी। इसी की जांच की गई है। लाइसेंस संबंधी रिकाॅर्ड लिया गया है। एआरटीओ (प्रशासन) एनसी शर्मा ने बताया कि किसी भी आवेदक का लाइसेंस विभाग के स्तर से नहीं रोका गया है। जो आवेदक टेस्ट में फेल हुए है, उनका लाइसेंस नहीं बनाया गया। इस दौरान आरआई उमेश कटियार और सत्येंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
हर माह 25 लाइसेंस लंबित
संभागीय परिवहन विभाग की तरफ से ड्राइविंग लाइसेंस का रिकाॅर्ड अपर आयुक्त को उपलब्ध कराया गया। पिछले तीन माह के रिकार्ड में हर माह करीब 25 लाइसेंस लंबित होना सामने आ रहा है। जनवरी माह में 4537 लाइसेंस में 20, फरवरी में 3375 में 25 और मार्च माह में 2000 लाइसेंस में 20 लाइसेंस लंबित दर्शाए गए है। इसके पीछे का कारण कागजों की कमी और टेस्ट में फेल होना बताया गया है।
स्मार्ट चिप कंपनी के मात्र 5 कर्मचारी
आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस की स्क्रूटनी और कागज जांच के लिए स्मार्ट चिप के 5 कर्मचारी तैनात है। लेकिन कंपनी के नाम पर कई बाहरी युवक भी काम करने में लगे हुए हैं। इनकी रोक को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता है। इस वजह से बाहरी लोगों का जमघट कार्यालय के अंदर लगा रहता है।
लाइसेंस के हर रोज करीब 100 आवेदन
अपर आयुक्त ने जांच के दौरान स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ भी की। उन्होंने पूछा कि प्रतिदिन लाइसेंस के लिए कितने आवेदन आते है। इस पर कर्मचारी ने बताया कि करीब 100 आवेदन आते हैं, जिसमें से 80 आवेदन का डाटा फीड किया जाता है।
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