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प्रभावित व्यापारियों ने ताजगंज डवलपमेंट फाउडेंशन के नाम से संघर्ष समिति बनाई है। समिति अध्यक्ष नितिन सिंह, रमाकांत सारस्वत, अमित शिवहरे, संजय अरोड़ा, देंवेंद्र बघेल, राजेश अग्रवाल आदि केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और क्षेत्रीय भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश के साथ बीच का रास्ता निकालने और दीपावली तक मोहलत मांगने के लिए कमिश्नर कैंप कार्यालय पहुंचे। करीब एक घंटे बैठक चली। जो बेनतीजा रही।
कमिश्नर अमित गुप्ता और डीएम नवनीत चहल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। फाउडेंशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने बताया कि दो मांग रखीं थीं। एक दीपावली तक दुकानों को बंद न कराया जाए। दूसरी मांग थी कि एडीए सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अपना पक्ष रखे।
उन्होंने कहा कि एडीए द्वारा पक्ष नहीं रखने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने एक पक्षीय निर्णय दिया है, जिसके लिए हम पुर्नविचार याचिका दायर करेंगे। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ का कहना है कि व्यापारियों को 17 अक्तूबर तक मोहलत दी गई है। समयावधि के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए पुलिस व प्रशासन की मदद से दुकानें बंद करानी पड़ेंगी।
बता दें वर्ष 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल का प्रतिबंधित दायरा तय किया था। तब पश्चिमी गेट से 71 दुकानदारों को विस्थापित किया गया था। विगत 21 साल में 400 से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान अवैध रूप से 500 मीटर की परिधि में शुरू हो गए।
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