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समस्याएं दूर करने का ख्याल नहीं आया
भगवान नगर के अनिल तिवारी ने कहा कि 14 साल से नारकीय हालात में रह रहे हैं। एडीए की सचिव को बोर्ड पर ‘नरकपुरी’ नाम पसंद नहीं आया, हम जिस हालात में रह रहे हैं, उसे बदलने का ख्याल नहीं आया।
‘अधिकारी ऐसे हालात में रहकर दिखा दें’
अवधपुरी के महेंद्र सिंह ने कहा कि यह तो चोरी और सीनाजोरी वाली बात है। नरक से मुक्ति भी न दिलाएंगे और विरोध का हक भी छीन लेंगे। यह अंधेरगर्दी है। एडीए के अधिकारी बोर्ड हटाने से पहले एक दिन ऐसे हालात में रहकर दिखा दें।
‘पहले के काम नहीं हुए तो कैसे करें भरोसा’
अवधपुरी के राजेंद्र सिंह ने कहा कि एडीए ने कहा कि पहले विकास शुल्क जमा करें, तब काम कराएंगे। जनकपुरी में सड़क, नाला स्वीकृत हुआ, वह नहीं बनाया तो लोग कैसे भरोसा करें। पहले रोड, नाला बना दें, हम शुल्क जमा करा देंगे।
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