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लेखपाल घूसकांड
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा सदर तहसील के निलंबित लेखपाल भीमसेन पर लगे रिश्वतकांड में बृहस्पतिवार को नया मोड़ आ गया। शिकायतकर्ता उमेश राना ने एसीपी ऑफिस पहुंचकर मुकदमे में लिखी बात का समर्थन किया। कहा कि उस पर समझौते का दबाव डाला गया था। लेखपाल ने रिश्वत ली थी, वह बयान देने को तैयार है। हालांकि उसे एसीपी लोहामंडी के समक्ष बयान के लिए बुलाया गया है।
बमरौली कटारा निवासी तीन भाइयों के विवाद में खतौनी में नाम चढ़ाने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत लेने की शिकायत उमेश राना ने 20 दिसंबर को दर्ज कराई थी। उमेश राना की तहरीर पर थाना शाहगंज में लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया गया। जब्त कार से 21 दिसंबर को 10 लाख रुपये बरामद हुए। भीमसेन लेखपाल संघ का पूर्व जिलाध्यक्ष भी है। जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने लेखपाल को निलंबित किया था। मामले की विवेचना पुलिस कर रही है।
बृहस्पतिवार को उमेश एसीपी लोहामंडी के कार्यालय पहुंचा। एसीपी मयंक तिवारी ने बताया कि उमेश राना पेशकार के पास पहुंचा था। उसने कहा कि वह मुकदमे में लिखी बात का समर्थन कर रहा है। पूर्व में उस पर समझौते के लिए दबाव बनाया गया था। अपने घर पर बैठाकर जबरन प्रार्थनापत्र लिखवाया गया। लेखपाल की गाड़ी में रिश्वत का पैसा था। यह पैसा रिश्वत का नहीं था तो लेखपाल सुबूत दिखाएं। अब उमेश को उनके समक्ष पेश होकर बयान देने के लिए कहा है।
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