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नकली दवा(सांकेतिक)
– फोटो : संवाद
विस्तार
औषधि विभाग ने हॉकर और मेडिकल स्टोर पर नकली दवाओं की बिक्री का खेल पकड़ा है। हॉकर और मेडिकल स्टोर से 1.26 लाख रुपये की नकली दवाएं सीज की हैं। जांच के लिए 9 नमूने लैब भेजे गए हैं। हॉकर और मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ थाना एत्माद्दौला में मुकदमा दर्ज कराया है।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि बुधवार की शाम को खेरिया मोड चौराहा से दवाओं से भरा बैग समेत हॉकर वसीम निवासी मंटोला को पकड़ा था। जांच में बैग में से 3,540 टैबलेट अल्प्राजोलम (नींद की गोली) और एंटीबायोटिक दवाएं मिली थीं। पूछने पर इसने बताया कि टेढ़ी बगिया स्थित सनबक्श फार्मेसी स्टोर पर कार्य करता है और वहीं से दवाएं ला रहा है। उसे लेकर टीम मौके पर पहुंची तो ये बंद मिला।
बोर्ड पर लिखे संचालक सादिक के मोबाइल पर फोन किया तो उसने शहर से बाहर होने के कारण दुकान नहीं खोलने की बात कही। नकली दवा पकड़े जाने के मामले की जानकारी पर उसने अपने छोटे भाई को चाबी लेकर भेज दिया। स्टोर में हॉकर से मिली सभी तरह की दवाएं मिल गईं। हॉकर से इनकी खरीद का बिल मांगा तो उसने बिना बिल के खरीदने की बात कही। सादिक ने भी बिना बिल के बिक्री की जानकारी दी।
मेडिकल स्टोर का लाइसेंस था। यहां 28 हजार रुपये की 9 तरह की दवाएं सीज करते हुए जांच के लिए 4 नमूने लिए। हॉकर के बैग में 98 हजार रुपये की दवाएं थीं, इनको सीज करते हुए 5 नमूने लिए हैं। मेडिकल स्टोर सादिक और हॉकर वसीम के खिलाफ थाना एत्माद्दौला में मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में पुष्टि होने पर अन्य धाराएं और बढ़ाई जाएंगी।
सिकंदरा-जगदीशपुरा में नकली अल्प्राजोलम की फैक्टरी
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने 9 जुलाई को सिकंदरा और जगदीशपुरा में नकली दवाओं की फैक्टरी पकड़ी थी। यहां पर कफ सिरप, अल्प्राजोलम नकली बनाई जा रही थीं। पकड़ी गई दवाओं की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये थी। एक करोड़ रुपये के मशीन और उपकरण थे। इसका संचालक विजय गोयल है, जो नशे के आदी लोगों के लिए इनकी बांग्लादेश तक कालाबाजारी करता था।
हॉकर फर्जी बिल से बेचता था दवा
सहायक आयुक्त औषधि ने बताया कि हॉकर वसीम दवाएं लेकर खेरिया मोड स्थित मेडिकल स्टोर पर दवाएं बेचने गया था, उसने बिल दिया वह फर्जी था। स्टोर संचालक ने संदेह होने पर फोन किया। मौके पर जाकर हॉकर को पकड़ा। उसके पास की दवा का रैपर जांचा तो प्रिटिंग और बार कोड में अंतर प्रतीत हुआ। दवा को पीसकर चखकर प्रारंभिक जांच की तो इसमें खड़िया मिली। आवश्यक तत्वों की कमी प्रतीत हुई थी।
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