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मैनपुरी। थाना औंछा क्षेत्र के गांव बुढ़र्रा में नौ साल पहले युवक की गांव में घेरकर हत्या करने वाले गांव के पिता पुत्र सहित छह लोगों को जिला जज अनिल कुमार ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद सभी को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
थाना औंछा के गांव बुढ़र्रा निवासी लाखन सिंह 12 अप्रैल 2014 की शाम छह बजे अपने भाई मुन्नालाल, माता कंठा देवी के साथ गांव में बैंचेलाल के घर पर लगुन की दावत खाने जा रहे थे। गांव के बीच जब वह पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद गांव के बर्फ सिंह, उनके पुत्र जगवीर, भंवर सिंह उर्फ कर्मवीर, रामप्रसाद, दो सगे भाई संतोष और मंतोष ने उनको घेरकर फायरिंग करके लाखन सिंह की हत्या कर दी। मुन्नालाल तथा कंठा देवी घायल हो गए। लाखन सिंह के भाई राजन सिंह ने सभी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने जांच करने के बाद मुकदमे की सुनवाई केे लिए चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक, घायल सहित गवाहों ने सभी केे खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर सभी छह लोगों को लाखन की हत्या करने का दोषी पाया गया। कोर्ट मुहर्रिर योगेश तोमर तथा पैरोकार अजयवीर सिंह ने समय से गवाहों की गवाही कराई। डीजीसी वीरेंद्र कुमार मिश्रा तथा एडीजीसी विक्रम सिंह कश्यप ने उनके अपराध को देखते हुए कड़ी सजा देने की दलील दी।
जिला जज अनिल कुमार ने बर्फ सिंह, उनके पुत्र जगवीर, भंवर सिंह उर्फ कर्मवीर, रामप्रसाद, दो सगे भाई संतोष और मंतोष को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाकर उनको जेल भेजा है।
जेल में रहकर लड़ा पूरा मुकदमा
भंवर सिंह को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया। उसकी किसी भी अदालत से जमानत मंजूर नहीं हुई। उसको पूरा मुकदमा जेल में रहकर ही लड़ना पड़ा। बुधवार को निर्णय सुनने के लिए उसको जेल से ही अदालत में लाया गया। सजा होने पर उसको अदालत से ही जेल भेज दिया गया।
आठ महीने बाद फिर पहुंचे जेल
लाखन सिंह की हत्या करने वाले बर्फ सिंह, उनके पुत्र जगवीर, रामप्रसाद, दो सगे भाई संतोष और मंतोष की आठ महीने पहले ही उच्च न्यायालय से जमानत मंजूर हुई थी। जमानत मंजूर होने के बाद वह घर से ही मुकदमे की पैरवी के लिए अदालत में आते थे। बुधवार को भी वह घर से निर्णय सुनने के लिए कोर्ट में आए थे। सजा होने के बाद कोर्ट से उनको जेल भेज दिया गया।
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