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कासगंज। पिछले वर्ष गंगा के उफान में बरौना गांव पर गंगा की धारा ने जबरदस्त कटान किया। यह धारा इतनी पैनी थी कि गांव की सड़क भी कटान से गंगा में समां गई। 5000 की आबादी वाले इस गांव को बचाना सिंचाई विभाग के लिए बड़ी चुनौती रहा। पिछली बाढ़ में जैसे तैसे गांव के आबादी क्षेत्र को बचाया गया था।
गांव को स्थायी रूप से कटान से बचाने के लिए आधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल करते हुए सिंचाई विभाग ने जियो ट्यूब के स्टड बनाए। इसके अलावा परक्यूपाइन स्टड बनाए और हजारों सैंड बैग के माध्यम से इस कटानरोधी कार्य को सपोर्ट दी गई। अब गंगा की धारा फिर से कटानरोधी कार्य पर प्रहार कर रही है। धारा के प्रेशर से एक जियो ट्यूब का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है और सैंड बैग कटान से गंगा में धंसक रहे हैं। अब कटानरोधी कार्य को बचाना सिंचाई विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनेगा।
कटानरोधी कार्य करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से किए गए थे। जियो ट्यूब के 19 स्टड बनाकर गांव को सुरक्षित किया गया। प्रत्येक स्टड की पहली लेयर में तीन जियो ट्यूब्स, दूसरी लेयर में दो जियो ट्यूब्स और तीसरी लेयर में एक अदद जियो ट्यूब्स लगाए गए। स्टड संख्या 18 में एक जियो ट्यूब क्षतिग्रस्त हुआ। जिसे सिंचाई विभाग सही करने में जुटा है। वहीं धंसकते सैंड बैग सही करने के लिए अतिरिक्त सैंड बैग लगाना शुरू किया गया है। जिससे कटानरोधी कार्य सुरक्षित रहें। ग्रामीण अब इस बात को लेकर चिंतित होने लगे हैं कि कटानरोधी कार्य प्रभावित हुए तो गांव का आबादी क्षेत्र फिर से कटान की जद में होगा। इस बात को लेकर ग्रामीण चिंतित हैं। शनिवार को प्रशासन, पुलिस एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने चिंता भी व्यक्त की।
वर्जन-
– बरौना गांव पर पानी के दबाव से एक जियो ट्यूब के एक हिस्से में क्षति हुई है। इसे सही किया जा रहा है और धंसकते सैंड बैग भी सही किए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के अभियंता और कर्मी मौके पर रहकर कार्य करा रहे हैं और निगरानी की जा रही है- अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई।
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