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कासगंज। ततारपुर कॉलोनी के समीप हजारा नहर के किनारे कुछ पन्ने फटे हुए इधर-उधर पड़े थे। जब कॉलोनीवासियों की नजर इन पड़ी तो पता चला कि यह समुदाय विशेष के पवित्र धार्मिक ग्रंथ के पन्ने थे। तुरंत ही मामले की जानकारी धर्मस्थल के प्रमुख और पुलिस की दी गई। माना जा रहा है कि अराजक तत्वों ने श्रावण मास में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए खुराफात की होगी। घटना के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। प्रकरण की जांच की जा रही है।
घटनाक्रम सोमवार का है। सुबह सवेरे ततारपुर कॉलोनी निवासी हजारा नहर की ओर टहलते हुए पहुंचे तो वहां नहर के किनारे किताब के कुछ फटे हुए पन्ने पड़े नजर आए। जब लोगों ने करीब जाकर देखा तो यह समुदाय विशेष के पवित्र ग्रंथ के पन्ने थे। तत्काल ही मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रकरण की जानकारी मस्जिद के इमाम को दी। इसके बाद समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जिला मुख्यालय पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। प्रकरण संज्ञान में आते ही पुलिस व प्रशासन मुस्तैद हो गया है। प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया कि आरोपियों की पहचान कर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच कोतवाली पुलिस को सौंपी गई है। कलेक्ट्रेट पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद इनाम अहमद, राजा सैफी ,सुल्तान रजा, बबलू मियां, रईस अहमद, मुस्तफा हुसैन ,शोएब आदि मौजूद रहे।
इंस्पेक्टर हरिनान सिंह राठौर का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। शीघ्र ही इस मामले का खुलासा कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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