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कासगंज। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण गंगा में पानी का स्तर बढ़ रहा है। हरिद्वार और बिजनौर बैराजों से भी अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे जिले में लो फ्लड के हालात बन सकते हैं। इससे 11 से अधिक गांव साधारण बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि अभी तटवर्ती इलाके में किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है। केवल गंगा घाटों पर स्नान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु बढ़े हुए जलस्तर के कारण मुसीबत का सामना कर रहे हैं।
गंगा में सोमवार को हरिद्वार से करीब 35000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज बढ़ गया। बढ़े हुए डिस्चार्ज की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग अलर्ट हो गया और तटीय इलाकों के लिए भी अलर्ट जारी कर दिया। बिजनौर बैराज से करीब 18000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज बढ़ा। जबकि सुबह के समय नरौरा का डिस्चार्ज रविवार के मुकाबले स्थिर बना हुआ था। आज मंगलवार को नारौरा से भी डिस्चार्ज बढ़ जाएगा। जिसका प्रभाव मंगलवार सायं से कछला और लहरागंगाघाट पर दिखने लगेगा। श्रावण मास के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगास्नान को पहुंच रहे हैं। इन श्रद्धालुओं को बढ़े जलस्तर के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आगामी समय में और जलस्तर बढऩे की स्थिति को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है। जिले में 6 बाढ़ चौकियां अलग अलग स्थानों पर बनाई हैं।
हाई फ्लड होने की स्थिति में तटीय इलाकों के करीब 100 गांव तक गंगा की बाढ़ का प्रभाव पहुंचता है। फिलहाल तटवर्ती इलाके के ग्रामीण भी अलर्ट हो गए हैं और उन्होंने आगामी समय में आने वाली बाढ़ को देखते हुए प्रबंध शुरू कर दिए हैं। सिंचाई विभाग के द्वारा क्षतिग्रस्त बांधों की मरम्मत करा दी गई है। तीन स्थानों पर कटान रोकने के लिए स्टड भी स्थापित किए हैं।
साधारण फ्लड से प्रभावित होने वाले गांव
कासगंज। साधारण फ्लड से गांव मेहोल, पनसोती, मूंझखेड़ा, जिजौल, हिम्मतनगर बझेरा, नगला मुंता, उलाई खेड़ा, अजीतनगर, बमनपुरा, नगला खिमाई, कादरगंज खाम प्रभावित होते हैं।
बैराजों से डिस्चार्ज-
– हरिद्वार- 77838 क्यूसेक
– बिजनौर- 54896 क्यूसेक
– नरौरा- 31900 क्यूसेक
– कछला ब्रिज- 163 मीटर के निशान पर
बाढ़ का मानक
नो फ्लड- 30000 क्यूसेक तक।
साधारण फ्लड- 30000 से एक लाख क्यूसेक तक।
लो फ्लड- एक लाख से डेढ़ लाख क्यूसेक तक।
मीडियम फ्लड- डेढ़ लाख से ढाई लाख क्यूसेक तक।
डेंजर फ्लड- ढाई लाख से तीन लाख क्यूसेक तक।
हाई फ्लड- तीन लाख क्यूसेक से अधिक।
– लगातार पहाड़ों और मैदानी इलाके में बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। अभी और वृद्धि के संकेत हैं। सिंचाई विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। बाढ़ आने की स्थिति के सभी प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। फिलहाल तटवर्ती इलाकों में किसी तरह का कोई खतरा नहीं है- अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई
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