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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sun, 18 Jun 2023 12:56 AM IST
कासगंज। अब बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों के लिए तैयार होने वाले मध्याह्न भोजन पर मां की नजर रहेगी। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में मां समूह का गठन होगा। प्रत्येक समूह में छह महिला सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इनमें से एक महिला हर दिन विद्यालय पहुंचकर भोजन चख कर उसकी गुणवत्ता परखने का काम करेगी। ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलने पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। जिला में 1263 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में लगभग 1.50 लाख बच्चे पढ़ते है। विद्यालयों मेंं पढ़ने वाले इन बच्चों के लिए पोषण योजना के तहत मध्याह्न भोजन खिलाया जाता है। इसके लिए शासन से मेन्यू का निर्धारण भी किया गया हैं। शासन से लगभग 30 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कन्वर्जन कॉस्ट पर खर्च किया जाता है। इसके अलावा गेहूं व चावल अलग से उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद भी मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहते हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए शासन ने प्रत्येक विद्यालयों पर छह सदस्यीय महिलाओं का समूह गठित करने का निर्देश दिया है। इस समूूूूह में विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र की मां को भी शामिल किया जाएगा। इस समूह का नाम मां रखा जाएगा। इस समूह की एक महिला प्रतिदिन विद्यालय जाकर भोजन चखकर उसकी गुणवत्ता की जांच करेगी। इसके साथ ही साफ सफाई पर भी नजर रखेगी। वहीं विद्यालयों में बंटने वाले दूध , फल व भोजन के मेन्यू के अनुसार वितरण भी चेक करेगी। इसके लिए रोस्टर का निर्धारण होगा। छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। इसमें भोजन के पकाने से लेकर परोसने तक की विधि आदि की पूरी रिपोर्ट भी बीइओ को प्रेषित करेंगी। जिससे यदि कहीं कोई दिक्कत है तो उसका समाधान हो सके और साथ ही लापरवाही बरतने वालों को कार्रवाई के घेरे में लाया जा सके।
शासन से सभी विद्यालयों में मां समूह के गठन के निर्देश मिले है। स्कूल खुलने पर इन समूह का गठन कराया जाएगा। इस संबंध में निर्देेश जारी कर दिए गए हैं। राजीव यादव, बीएसए
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