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सोरोंजी। तीर्थनगरी में आवारा पशु गंभीर समस्या बने हुए हैं। जहां देखो वहां यह झुंड के रूप में सड़क के बीचोंबीच खड़े हो जाते हैं। तीर्थनगरी आने वाले श्रद्धालुओं को काफी समस्या होती है, आवारा कुत्तों के झुंड, बंदरों के समूह, निराश्रित गोवंश व सूअरों के झुंड कूड़े के ढेर में गंदगी फैलाते नजर आ ही जाते हैं। मुख्यमंत्री के आदेश हवा में नजर आ रहे हैं।कस्बे की गलियों व हरि की पौड़ी परिक्रमा मार्ग पर बंदरों का आतंक रहता है। बंदर श्रद्धालुओं के सामान उठा ले जाते हैं। कई बार तो यह बंदर हमलावर भी हो जाते हैं। आवारा कुत्तों के झुंड का सडक़ों पर खुलेआम घूमकर बच्चों को काट लेते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़कर जंगलों में छोडऩे के आदेश की यहां अनदेखी हो रही है। सड़कों पर घूमते गोवंशो को पकड़कऱ गोशाला में रखने के आदेश की भी यहां धज्जियां उड़ रही हैं। कस्बे में व कछला गेट से होडलपुर तक काफी संख्या में गोवंश सड़क जाम कर खड़े हो जाते हैं। पवित्र तीर्थस्थल घोषित होने के बाद भी मंदिर मार्गों व अंदर मोहल्लों में सूअर विचरण कर गंदगी फैलाते रहते है, जिससे तीर्थनगरी की छवि धूमिल होती है।
– तीर्थनगरी में स्थित गोशाला की क्षमता 175 गायों को रखने की है, 237 गोवंश पहले से मौजूद हैं। रोजाना ग्रामीण क्षेत्रों में छोड़े गए गोवंश घूमते हुए राजमार्ग पर व कस्बे के भीतर आ जाते हैं। इनको पकड़कर गोशाला में रखने के निर्देश दिए गए हैं, सुअर कुत्तों को पकड़कर जंगलों में छोडऩ़े का अभियान शीघ्र चलाया जाएगा।
– मुकेश कुमार ईओ, नगर पालिका सोरोंजी
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