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आगरा छावनी
– फोटो : डेमो पिक
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छावनी विधानसभा क्षेत्र के उखर्रा-देवरी रोड पर राजकीय इंटर कालेज का निर्माण टेंडर प्रक्रिया में ही उलझकर रह गया है। छह साल बाद भी पहले चरण का काम ही अधूरा है, जबकि 1.67 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। दूसरी किस्त में करीब तीन करोड़ रुपये मिले हैं लेकिन अब तो परियोजना की पेन ड्राइव ही लापता हो गई है। डिजिटल हस्ताक्षर भी कहीं और नहीं मिल रहे। ऐसे में तीन बार टेंडर प्रक्रिया निरस्त हो चुकी है। चौथी बार टेंडर खुलना था तो यह नया शिगूफा हो गया। नाराज विधायक के शासन में शिकायत करने से इसकी जांच शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तो तत्कालीन मंत्री व छावनी क्षेत्र से वर्तमान विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने उखर्रा रोड में करीब 8 करोड़ रुपये से राजकीय इंटर कालेज बनवाने का प्रस्ताव रखा था। मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा भी कर दी। तत्कालीन उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने शिलान्यास किया।
राजकीय निर्माण निगम को काॅलेज का निर्माण कराना था। 2017 में सरकार ने 1.67 करोड़ की पहली किस्त जारी की, जिससे कॉलेज की चहारदीवारी, पानी की टंकी बनाई गई। राजकीय निर्माण निगम ने शासन को उपयोगिता प्रमाणपत्र भी भेज दिया। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दूसरी किस्त के रूप में करीब 3 करोड़ रुपये जारी हुए। इसके बाद निर्माण कराने वाली एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया को तीन बार निरस्त कर दिया। चौथी बार 16 मई को टेंडर खोले जाने थे, लेकिन इससे पहले ही पेन ड्राइव गायब हो गई।
विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर बृज बिहारी का डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र भी खो गया है। पेन ड्राइव गायब है। ताजगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मंडलायुक्त अमित गुप्ता के आदेश पर टेंडर प्रक्रिया आगरा की जगह दूसरे जिले के प्रोजेक्ट इकाई से कराने के आदेश हुए। पर, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी डेढ़ साल से निर्माण बंद पड़ा है।
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